पुलवामा हमले की साजिश रचने वाले आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए भारत ने अपनी तरफ से कोशिशें तेज कर दी हैं। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के सभी 15 सदस्य देशों का समर्थन हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) की सुरक्षा परिषद् के 15 सदस्यों में से 14 सदस्य राष्ट्र, पाकिस्तान के मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए तैयार हैं।
सुरक्षा परिषद् के दस अस्थायी सदस्य बेल्जियम, कोत दिव्वार आईवरी कोस्ट, डोमेनिकन रिपब्लिक, इक्वेटोरियल गिनी, जर्मनी, इंडोनेशिया, कुवैत, पेरू, पोलेंड और साउथ अफ्रीका ने मसूद अजहर को ‘ग्लोबल टेरेरिस्ट’ घोषित करने के प्रस्ताव पर अपना समर्थन दिया है। वीटो पावर वाले तीन देश, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने तो खुद यह प्रस्ताव सुरक्षा परिषद् में पेश किया है। रुस भी इस प्रस्ताव पर राजी है। भारत इससे पहले भी मसूद अजहर पर बैन लगाने की 3 बार कोशिश कर चुका है। 2009, 2016 और 2017 में भारत ने इसके लिए प्रयास किया था। लेकिन पाकिस्तान के सबसे करीबी चीन ने अपनी वीटो पॉवर का इस्तेमाल कर भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
अब इस सिलसिले में भारत ने दुनिया के सभी देशों में अपने दूतावासों और उच्चायोगों को डॉजियर भेजे हैं। दूतावासों को कहा गया है कि मसूद अजहर के खिलाफ ये सबूत संबंधित देशों को जल्द सौंप दिए जाएं। भारत ने पाकिस्तान को डोजियर इसलिए भेजे थे, क्योंकि वह कह रहा था कि मसूद और जैश के आतंकी कार्रवाई के बारे में उसके पास कोई सबूत नहीं है।
इसे भी पढ़ें: संसद हमले से पुलवामा हमले तक, ऐसा रहा जैश-ए-मोहम्मद का सफर
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में पहले भी भारत जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को बैन कराने की कोशिश कर चुका है। हर बार चीन ने भारत की इन कोशिशों पर अड़ंगा लगा दिया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में चीन ने वीटो पॉवर का इस्तेमाल किया। इस बार फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन भारत के साथ हैं और इन देशों ने फिर से मसूद अजहर पर बैन के लिए एक नया प्रस्ताव पेश किया है। ऐसे में भारत ने चीन के अलावा सुरक्षा परिषद् के 14 सदस्य देशों सहित पूरी दुनिया के उन देशों को सबूत भेजे हैं, जहां भारत का दूतावास या उच्चायोग है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के लिए नया प्रस्ताव पेश किया जा चुका है। इसपर आपत्ति दर्ज करने की अंतिम तिथि 13 मार्च है। इस बार फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन ने एकसाथ मिलकर मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की सुरक्षा परिषद् में मांग उठाई है। यदि 13 मार्च तक चीन ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं की तो इस बार आतंकी मसूद अजहर संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची में शामिल हो जाएगा।
इसे भी पढ़े: गालिब एक पैगाम है कि अफजल के घर भी पैदा नहीं हुआ अफजल