Hindi News (हिंदी समाचार), News in Hindi, Latest News In Hindi

झारखंड: विधानसभा चुनाव में नक्सलियों से निपटने के लिए पुलिस ने बनाई रणनीति

Jharkhand Assembly Elections 2019: झारखंड के पाकुड़ जिले के तीन विधानसभा सीटों पाकुड़, महेशपुर और लिट्टीपाड़ा पर 20 दिसंबर को मतदान होना है। जिला और पुलिस प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है। नक्सल प्रभावित अमड़ापाड़ा और लिट्टीपाड़ा प्रखंड के पहाड़ी इलाके में नक्सलियों (Naxals) के डेरा जमाने की संभावना की वजह से पुलिस लगातार जंगलों में एलआरपी चला रही है।

नक्सलियों से निपटने के लिए पुलिस की रणनीति तैयार।

पुलिस नक्सलियों (Naxals) के चक्रव्यूह को भेदने की योजना बना चुकी है। संवेदन और अति संवेदनशील बूथों पर पुलिस का कड़ा पहरा रहेगा। दूसरे जिलों से काफी संख्या में पुलिस जवानों को बुलाया गया है। कई कंपनी स्पेशल फोर्स मंगाए गए हैं। बता दें कि लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत अमड़ापाड़ा व हिरणपुर प्रखंड आता है। इसमें लिट्टीपाड़ा और अमड़ापाड़ा धुर नक्सल प्रभावित प्रखंड है। नक्सली कई बार वारदातों को अंजाम भी दे चुके हैं।

लिट्टीपाड़ा प्रखंड के मारगो, बड़ा चटकम, जोरडीहा, बड़ा घघरी, डमरु, लीलातरी, मोहनपुर, कुंजबोना, मोसाबिल, मालीपाड़ा, छतनी तथा अमड़ापाड़ा प्रखंड के खांडोकांटा, आमझरी, पचुवाड़ा, जामकुंदर, बारगो और बांधकोई इलाके में पहले भी नक्सलियों (Naxals) की गतिविधियां देखी जा चुकी है। साल 2014 के विधानसभा चुनाव में लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र में शांतिपूर्ण चुनाव कराकर पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल की थी। इस बार भी शांतिपूर्ण चुनाव कराना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। पुलिस अधीक्षक राजीव रंजन सिंह अति संवेदनशील बूथों और नक्सल प्रभावित गावों में लगातार नजर रख रहे हैं। शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए पुलिस ने कई तरह की तैयारियां कर रखी है।

2014 की तरह इस बार भी हथियारों से लैस पुलिस जवान मोटरसाइकिल से जंगली इलाके में भ्रमण करेंगे। अमड़ापाड़ा और लिट्टीपाड़ा प्रखंड में जरूरत के हिसाब से कई कंपनी फोर्स लगाए जा सकते हैं। पाकुड़ के पुलिस अधीक्षक राजीव रंजन सिंह के मुताबिक, शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए पुलिस ने तैयारी पूरी कर ली है। नक्सली (Naxals) गतिविधि की सूचना नहीं है। हर तरह की समस्याओं से निपटने की तैयारी हो चुकी है। काफी संख्या में पुलिस जवानों को लगाए जाएंगे। अति संवेदनशील बूथों पर विशेष नजर रहेगी।

पढ़ें: छात्र आंदोलनों की आड़ में जिहादी और माओवादियों की हो रही है एंट्री