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घाटी में जुमे के नमाज के दौरान लगाई पाबंदियों को सरकार ने हटाया

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में हालात जल्द सामान्य करने के लिए शासन-प्रशासन फूट-फूट कर कदम रख रही है। सरकार घाटी में बगावत के बीज को पनपने नहीं देना चाहती और यही कारण है कि पिछले शुक्रवार को हुए जुमे की नमाज के लिए घाटी में पाबंदी लगा दी गई थी। जिसे सरकार ने अगले ही दिन वापस ले लिया। सरकार को ये अंदेशा था कि जुमे की नमाज के दौरान कुछ अलगाववादी लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर सकते हैं। इसलिए एहतियातन सरकार ने इस दौरान धारा 144 लगा दी थी।

जम्मू श्रीनगर (Jammu Kashmir) के कुछ हिस्सों में जुमे की नमाज के कारण लगाई गई पाबंदी को शनिवार को हटा ली गई है। लेकिन अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद 76वें दिन भी घाटी में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। अधिकारियों ने बताया कि सीआरपीसी की धारा 144 के तहत सौरा थाना अंतर्गत अंचार इलाके में और नौहट्टा थाना अंतर्गत ऐतिहासिक जामा मस्जिद के आसपास शुक्रवार की सुबह बंदिशें लगाई गई थीं।

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जुमे की नमाज के बाद लोगों के एकत्रित होने की स्थिति में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐहतियात के तौर पर बंदिशें लगाई गई थीं। अधिकारियों ने बताया कि शहर के विभिन्न भागों में लगाई गई पाबंदियां खत्म कर दी गई हैं। प्रशासन ने इस आशंका के चलते शुक्रवार को घाटी के संवेदनशील इलाकों में पाबंदियां लगाई थीं कि निहित स्वार्थ वाले लोग बड़ी मस्जिदों और धार्मिक स्थलों पर एकत्र लोगों को भड़का सकते हैं और इससे विरोध प्रदर्शन हो सकता है। दो महीने से कश्मीर के पुराने शहर क्षेत्र में स्थित जामा मस्जिद में शुक्रवार की नमाज नहीं पढ़ी जा रही है । बहरहाल, अधिकारियों ने बताया कि समूची घाटी में जनजीवन प्रभावित है। शहर के लाल चौक सहित कुछ इलाके में सुबह में दुकानें खुलीं, लेकिन मुख्य बाजार और अन्य कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे। उन्होंने बताया कि शहर में और कश्मीर में दूसरी जगहों पर निजी परिवहन पर कोई असर नहीं पड़ा। घाटी के कुछ इलाके में अंतर जिला कैब और तिपहिया गाड़ियां भी नजर आयीं। हालांकि, सार्वजनिक परिवहन के अन्य माध्यम सड़क से नदारद रहे । स्कूल और कॉलेज खुले लेकिन छात्र नहीं आए, क्योंकि सुरक्षा की चिंता में उनके अभिभावकों ने उन्हें घरों से बाहर नहीं निकलने दिया।