अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में सामान्य होते हालात से आतंकी संगठनों में बेचैनी बढ़ गई है। वे लगातार जम्मू कश्मीर के हालात को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी के मद्देनजर आतंकियों ने स्थानीय नागरिकों और दुकानदारों को धमकी दी है। आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने लोगों को डराने के लिए साउथ कश्मीर में कई जगह धमकी भरे पोस्टर लगाए हैं, जिसमें दुकान खोलने, स्कूल जाने और गाड़ी चलाने पर गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी गई है। इसके अलावा स्थानीय लोगों को घर से बाहर न आने की धमकी भी दी गई है।
आतंकी संगठन हिजबुल के नाम से जारी पत्र में कहा गया है कि दुकानदार अपनी दुकानें न खोलें और घाटी में बाजार बंद रहने चाहिए। साथ ही वाहन चालकों को भी धमकाया गया है कि घाटी में चलने वाले वाहनों के नंबर आतंकियों के पास हैं। ऐसे में वह अपने वाहन घरों से बाहर न निकालें। यदि वाहन चलते हुए दिखे तो जला देंगे। स्कूलों को लेकर भी आतंकियों ने धमकी दी है। साथ ही यह भी धमकी दी गई है कि सड़कों पर कोई भी स्कूल जाती लड़की नहीं दिखनी चाहिए। कहा गया है कि मां और बेटियां घर में ही रहें क्योंकि उनकी इज्जत अब खतरे में हैं। सेना को साउथ कश्मीर के कई इलाकों में हिजबुल द्वारा लगाए गए पोस्टर मिले हैं। इन पोस्टर में वहां की अवाम को संबोधित करते हुए लिखा है कि दुकान खोलने का समय सुबह और शाम 6 से 9 बजे तक ही है। बाकी वक्त दुकानें बंद रहेंगी।
पोस्टर में लिखा है कि ये अंतिम चेतावनी है। घाटी में सामान्य होते हालात को खराब करने के लिए बौखलाए आतंकी अब आम लोगों को निशाना बना रहे हैं। 30 अगस्त को आतंकियों ने श्रीनगर में एक दुकानदार पर फायरिंग कर दी थी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतक की पहचान गुलाम मोहम्मद के रूप में हुई। वहीं आतंकियों के हर मंसूबे को नाकाम करने के लिए भारतीय सुरक्षाबल अलर्ट पर हैं। उधर, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत सुरक्षा का जायजा लेने के 30 अगस्त को श्रीनगर पहुंचे। वहां पर उन्होंने घाटी में सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लिया।
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