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उत्‍तराखंड में मान्यता है कि इस गांव में आज भी रहते हैं सेना के 8 जवानों के भूत, रास्ते से गुजरने से भी कतराते हैं लोग

प्रतीकात्मक तस्वीर।

उत्तराखंड के चंपावत (Champawat) जिले में स्वाला नाम का एक गांव है। इस गांव को लोग भुतहा गांव कहते हैं। यहां के लोगों की मान्यता है कि यहां सेना के 8 जवानों के भूत रहते हैं। आलम ये है कि इस गांव में सन्नाटा रहता है और कोई भी यहां रहना नहीं चाहता और ना ही इस गांव के रास्ते से गुजरना चाहता है।

चंपावत: कई बार अपने जीवन में हम ऐसी चीजों का सामना करते हैं, जिस पर विश्वास करना मुश्किल हो जाता है, लेकिन फिर भी हमें इस अनुभव से गुजरना होता है।

एक सवाल अक्सर लोगों के जेहन में आता है कि क्या भूत होते हैं? शहरों में रहने वाले लोग ज्यादातर ये मानते हैं कि भूत जैसी कोई चीज नहीं होती, लेकिन गांवों में आज भी लोग ये विश्वास करते हैं कि भूत होते हैं। फिलहाल ये एक ऐसा विषय है, जिस पर दावे के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता, फिर भी कुछ बातें ऐसी हैं, जो हैरान करती हैं।

उत्तराखंड के चंपावत जिले में स्वाला नाम का एक गांव है। इस गांव को लोग भुतहा गांव कहते हैं। यहां के लोगों की मान्यता है कि यहां सेना के 8 जवानों के भूत रहते हैं। आलम ये है कि इस गांव में सन्नाटा रहता है और कोई भी यहां रहना नहीं चाहता और ना ही इस गांव के रास्ते से गुजरना चाहता है।

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एक दौर में इस गांव में खूब चहल पहल रहती थी, लेकिन अब भूतों की चहलकदमी के बीच सन्नाट पसरा है। कहा जाता है कि इस गांव के भूत किसी को भी यहां बसने नहीं देते। यही वजह है कि ये गांव वीरान पड़ा हुआ है। यहां एक मंदिर भी बना है, अगर कोई यहां से गुजरता है तो इस मंदिर में माथा टेककर ही गुजरता है।

इस पूरे मामले के पीछे कहानी ये है कि साल 1952 में इस गांव से होकर सेना के जवानों की एक गाड़ी गुजर रही थी। इसी दौरान जवानों से भरी ये गाड़ी खाई में गिर गई। इस गाड़ी में सेना के 8 जवान थे। इन जवानों ने ग्रामीणों से मदद की गुहार लगाई लेकिन ग्रामीणों ने इनकी मदद नहीं की और जवानों के पैसे और सामान लूट लिया। ऐसे में इन जवानों की मौत हो गई। लोग मानते हैं कि इन 8 जवानों की आत्माएं गांव में घूमती हैं।

इसके बाद से गांव, एक भूतिया गांव में तब्दील हो गया। गांव में रहने वालों को अपना घर और गांव छोड़ना पड़ा। अब तक इस गांव को दोबारा बसाया नहीं जा सका। कोई भी यहां रहने को तैयार नहीं है और यहां वीराना है।