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अब पाकिस्तान की कायराना हरकतों पर लगेगा पूर्ण विराम! एंटी ड्रोन तकनीक बनने जा रहा है भारत का अचूक हथियार

पाकिस्तान की सीमा से ड्रोन के जरिए आतंकियों के लिए हथियारों व ड्रग्स की हो रही तस्करी पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी (Anti Drone Technology) को लेकर कई करोड़ की परियोजना लगाने जा रही है। इस अहम तकनीक के लिए बीएसएफ, एनएसजी और डीआरडीओ एक साथ मिलकर काम करेंगे।

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सूत्रों के मुताबिक, इस टेक्नोलॉजी के लिए कुछ एक विदेशी कंपनियों से भी मदद ली जा सकती है। एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी (Anti Drone Technology) के आविष्कार और इसके सीमा पर स्थापित होने के बाद पाक की ड्रोन के जरिए की जाने वाली हर साजिश को नाकाम किया जा सकेगा। शुरू में यह टेक्नोलॉजी पंजाब की 553 किलोमीटर व जम्मू-कश्मीर की 198 किलोमीटर लंबी सरहद पर स्थापित की जाएगी।

गौरतलब है कि पिछले साल पाक की तरफ से ड्रोन के जरिए पंजाब व जम्मू-कश्मीर के सरहदी इलाकों में घातक हथियार और ड्रग्स की कई खेप भेजने की कोशिश की गई थी। जिनमें से कुछ ड्रोन्स को मार गिराया गया और उनमें से बड़ी तादाद में हथियार व ड्रग्स बरामद किए गए थे। जम्मू-कश्मीर की भारत-पाक सीमा के हीरानगर व अखनूर सेक्टर में सीमा पार से कई बार ड्रोन्स आ चुके हैं।

वहीं, इस साल 27 जून को जम्मू के सतवारी स्थित एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन के जरिए धमाका किया गया था। उसके बाद से सीमा पार से लगातार कई बार ड्रोन आते रहे हैं। जिनमें से कुछ को भारतीय सेना ने मार भी गिराया है। वहीं लाइन ऑफ कंट्रोल के इलाके में भी पाक की तरफ से कई ड्रोन आ चुके हैं।

दरअसल पाकिस्तान व पीओके में बैठे आतंकी आकाओं व उनके हैंडलर आईएसआई के इशारे पर चीन निर्मित ड्रोन के जरिये इन साजिशों को अंजाम देने में लगे हैं।

भारत-पाक सीमा हो या फिर नियंत्रण रेखा यहां नालों, पहाड़ियों व घने जंगलों से पटी भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि सीमा पार से ड्रोन के जरिए होने वाली साजिशों पर पूरी तरह नजर नहीं रखी जा सकती।

भारत-पाक सीमा के जम्मू, कठुआ व सांभा जिलों के अलावा पंजाब के गुरदासपुर, तरनतारन, अमृतसर, फिरोजपुर, फाजिल्का और अबोहर की भारत-पाक सीमा पर शुरुआती तौर पर एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी (Anti Drone Technology) स्थापित किया जाएगा। इसके बाद गुजरात और राजस्थान की सीमाओं पर भी इसका इस्तेमाल होगा।