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टेरर फंडिंग पर भारत का सख्त रुख, UN में पाकिस्तान की उड़ाई खिल्ली

संयुक्त राष्ट्र महासभा के छठी समिति की बैठक में भारत ने पाकिस्तान और उसको मिलने वाले टेरर फंडिंग (Terror Funding) की जमकर निंदा की। महासभा की इस बैठक में भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए दुनिया के कई देश पाकिस्तान को फंडिग कर रहे हैं और यही कारण है कि पाकिस्तान इन पैसों का इस्तेमाल करके भारतीय जमीन पर आतंकवाद फैला रहा है।

महासभा की इस बैठक का मुद्दा था “अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद को खत्म करने के उपाय”। इस बैठक के दौरान भारतीय प्रतिनिधि उमाशंकर पाकिस्तान और उसको हो रही टेरर फंडिंग (Terror Funding) का मुद्दा उठाया। उमाशंकर के अनुसार ‘टेरर फंडिंग (Terror Funding) को खत्म करने के लिए संयुक्त राष्ट्र और वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफटीएफए) के बीच सहयोग बढ़ाने की जरूरत है। साथ ही राज्यों की ओर से आतंक को पैदा करने वाले संसाधनों के विस्तार पर रोक लगाने की जरूरत है। इसके लिए हर स्तर पर सभी देशों को मिलकर प्रयास करने होंगे। टेरर फंडिंग (Terror Funding) से लड़ने और उसे रोकने के लिए नियंतण्र मानक तय करने में एफएटीएफ की महत्वपूर्ण भूमिका है और संयुक्त राष्ट्र को ऐसी संस्थाओं के साथ सहयोग बढ़ाना चाहिए’। भारतीय प्रतिनिधि उमाशंकर के मुताबिक ‘किसी भी देश या उसकी मशीनरी की ओर से आतंकी समूहों या आतंकियों को दिए जाने वाले आर्थिक मदद की भारत कड़ी निंदा करता है। इसी वजह से आतंकी समूह या आतंकी गतिविधियों से जुड़े आपराधिक मामलों में अपना बचाव कर पाते हैं।’ भारत का इशारा पाकिस्तान में पल रहे आतंकी संगठनों की तरफ था।

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भारत की टिप्पणी उस पृष्ठभूमि में आई है जिसमें पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंक निरोधी समिति से अनुरोध किया था कि मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को बुनियादी खर्चे के लिए उसे अपने बैंक खाते से पैसा निकालने की इजाजत दे।

गौरतलब है कि सईद को संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी घोषित किया हुआ है। उसे पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय दबाव के कारण टेरर फंडिग ((Terror Funding)) मामले में 17 जुलाई को गिरफ्तार किया था। हालांकि बाद में पाकिस्तान कोर्ट ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में बीते एक दशक से नियंत्रण आतंक निरोधी रणनीति (जीसीटीएस) को लेकर र्चचा हो रही है लेकिन जमीन पर इसका कुछ खास प्रभाव नहीं दिख रहा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से बनाई गई प्रतिबंध समिति धुंधली कार्य प्रणाली और फैसले पर राजनीति वर्चस्व के कारण ये समिति महज एक निशाना साधने का औजार बनकर रह गई है। लेकिन पिछले कई दशक से भारत इस मंच पर लगातार आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करता आ रहा है।