भारतीय वायु सेना ने मिराज के 12 फाइटर जेट से पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद, बालाकोट और चकोट में स्थित आतंकी कैम्पों पर बमबारी की एवं आतंकियों के कई ठिकानों को नष्ट कर दिया। जिससे भारी संख्या में आतंकियों के मारे जाने की आशंका है। मारे जाने वाले आतंकियों में मसूद अजहर का साला अज़हर यूसुफ भी शामिल है। जब वायुसेना ने एलओसी पारकर पीओके के 80 किमी भीतर बालाकोट में हमला किया तो सूत्रों के मुताबिक वहां जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का करीबी रिश्तेदार रिश्तेदार अजहर यूसुफ उर्फ उस्ताद गौरी भी मौजूद था। बालाकोट में हुए हमले में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर का करीबी अजहर यूसुफ मारा गया।
इस हमले में मारा गया युसूफ अजहर इंटरपोल के वांछित अपराधियों की सूची में है। करांची में जन्में युसूफ पर अपहरण, हाइजैकिंग और हत्या समेत कई मामले चल रहे हैं। अजहर युसूफ कांधार कांड का मास्टरमाइंड था। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, भारतीय वायुसेना की एयरस्ट्राइक के दौरान मौलाना अम्मार जो अफगानिस्तान और कश्मीर ऑपेरशन से जुड़ा था और मसूद अजहर का भाई मौलाना ताल्हा सैफ निशाने पर थे। मौलाना अम्मार और मौलाना ताल्हा सैफ के अलावा कश्मीर ऑपरेशन का सरगना मुफ्ती अजहर खान और मसूद अजहर का बड़ा भाई इब्राहिम अजहर भी भारतीय वायुसेना की एयरस्ट्राइक के दौरान निशाने पर थे।
भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि अज़हर यूसुफ बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविर चलाता था। वहां शिविर में बड़ी संख्या में आतंकी मौजूद थे। युसुफ अजहर वही आतंकी है जिसने अपने साथियों के साथ मिलकर साल 1999 में फ्लाइट आईसी-184 को हाईजैक किया था। जिसके बाद इस विमान को कंधार ले गए थे। इसी फ़्लाइट के यात्रियों को छोड़ने के बदले भारत की जेल में बंद मसूद अजहर आज़ाद हुआ था।
भारत सरकार ने सन 2002 में ही पाकिस्तान को 20 भगोड़े आतंकियों की सूची सौंपी थी। इस सूची में यूसुफ अजहर का भी नाम था। साल 2000 में सीबीआई के अनुरोध पर इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। युसुफ आतंकी गतिविधियों में शुरूआत से जुड़ गया था और मसूद अजहर की हर साजिश को अंजाम तक पहुंचाने का काम करता था।
इस बीच भारतीय वायुसेना की कार्रवाई की गूंज पाकिस्तानी संसद में भी सुनाई पड़ी। पाक संसद में कार्यवाही शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान की नीतियों पर सवालिया उठाते हुए विपक्षी सांसदों ने ‘इमरान खान- शर्म करो, शर्म करो’ के नारे लगाए। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विपक्षी सांसदों ने इस मसले पर संसद के संयुक्त सत्र बुलाने की मांग की है।
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