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पाकिस्तान में भारत की सर्जिकल स्ट्राइक का इजरायल कनेक्शन

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पुलवामा हमले की जवाबी कार्रवाई में 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर हमला किया था। इस हमले में कई आतंकियों सहित पूर्व आईएसआई एजेंट भी मारे गए थे। सूत्रों के अनुसार, वायुसेना ने बिल्डिंग को इजरायली बमों से निशाना बनाया। ये बम इमारत पर गिरते ही उसे खत्म नहीं करते बल्कि उसके अंदर जाकर टारगेट बनाते हैं। वायुसेना ने एस-2000 पीजीएम इजरायल से लिए थे। इनका निशाना जबरदस्त होता है। ये जैमर प्रूफ होने के साथ बादल होने के बावजूद टारगेट को ढूंढ कर उस पर वार करते हैं।

सूत्रों के मुताबिक, इंटेलिजेंस एजेंसियों के पास सिंथेटिक एपरचर रडार (एसएआर) की तस्वीरें हैं। इसमें दिखाया गया है कि 4 इमारतों को निशाना बनाया गया। मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने पांच एस-2000 प्रीसीशन-गाइडेड म्यूनिशन (पीजीएम) दागे थे। पीजीएम एक स्मार्ट बम होता है जो खास निशाने पर दागा जाता है। भारत ने पीजीएम इजरायल से लिए थे।  इमारतों की छत एक खास तरह के लोहे की चादर से बनाई गई थी। रडार की जो तस्वीरें सामने आई थीं, उनमें इमारतों की छत गायब थी। हालांकि छत को दो दिन बाद फिर से सुधार दिया गया। जिन इमारतों पर बम दागे गए, वह मदरसे के कैम्पस में ही स्थित थीं। मदरसा जैश संचालित कर रहा था। पाकिस्तान ने भी यहां भारत के हमले की पुष्टि की थी। लेकिन उसने इस बात से इनकार किया था कि वहां कोई आतंकी कैम्प थे या वहां कोई बिल्डिंग गिराई गई।

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मदरसे में प्रवेश करने वाले छात्रों के लिए एक दो मंजिला इमारत का उपयोग किया जाता था। एक अन्य इमारत में अंतिम लड़ाकू प्रशिक्षण हासिल करने वाले आतंकी रहते थे, उन्हें भी बम से मारा गया था।मदरसे की जगह काफी सोच-समझकर तय की गई थी। उसे बीच में बनाया गया था। वहां सिविलियन मौतें होने की आशंका काफी कम थी। इंटेलिजेंस ने वायुसेना को एकदम सटीक और सही वक्त पर जानकारी दी थी। अब यह लीडरशिप को ही तय करना है कि रडार की फोटो को सार्वजनिक करना है या नहीं। एसएआर रडार द्वारा ली गई तस्वीरें सैटेलाइट की फोटो जैसी साफ नहीं हैं। हमें 26 फरवरी को उपग्रह से तस्वीरें इसलिए नहीं मिल पाईं क्योंकि आसमान में घने बादल थे।