चरखी दादरी जिला के गांव बास (रानीला) निवासी 23 वर्षीय जवान भूपेंद्र चौहान (Bhupendra Chauhan) देश की सीमा पर लड़ते हुए शहीद हो गए थे। लेकिन बीते 8 महीने से उनका परिवार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है, लेकिन अभी तक कोई मदद नहीं मिल पाई है।
चरखी दादरी: देश के जवान मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर देते हैं। लेकिन कई बार इन शहीदों के परिवार को अपना हक पाने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ती है।
ताजा मामला हरियाणा का है। यहां सितंबर 2020 में चरखी दादरी जिला के गांव बास (रानीला) निवासी 23 वर्षीय जवान भूपेंद्र चौहान (Bhupendra Chauhan) देश की सीमा पर लड़ते हुए शहीद हो गए थे। लेकिन बीते 8 महीने से उनका परिवार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है, लेकिन अभी तक कोई मदद नहीं मिल पाई है।
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सरकार की घोषणा के मुताबिक, शहीद के परिजनों को आर्थिक सहायता और एक सदस्य को नौकरी मिलना चाहिए था और गांव में शहीद स्मारक का निर्माण होना चाहिए था, लेकिन बीते 8 महीने से शहीद के परिजनों को कोई लाभ नहीं मिल पाया है।
कई बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने के बाद शहीद के परिजनों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।