राऊरकेला (उड़ीसा): गांव के चौक पर शहीद जवान की प्रतिमा तो है, लेकिन उनके परिवार के हितों की रक्षा नहीं हो पा रही है। शहीद के माता-पिता आज भी अलॉट की गई जमीन के लिए 20 सालों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब तक ना जमीन मिली और ना ही कोई मजबूत भरोसा ही मिल पाया।
मामला सुंदरगढ़ जिले के टांगरपल्ली ब्लॉक के मुंडागांव के शहीद जवान अशोक माझी (Ashok Majhi) के परिवार से जुड़ा है। अशोक (Ashok Majhi) गरीब परिवार में जन्मे थे, लेकिन तमाम परेशानियों के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और फरवरी 1992 में केंद्रीय सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) की 73वीं बटालियन में शामिल हुए। वह इंफाल, मणिपुर में तैनात थे।
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30 जनवरी, 1995 को अशोक, आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए। उस दौरान उनके माता-पिता से तमाम सुविधाएं देने का वादा किया गया था। लेकिन संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई।
शहीद के माता-पिता ने अपने बेटे को दी जाने वाली 5 एकड़ जमीन के लिए लेफ्रीपाड़ा तहसील कार्यालय में आवेदन किया। लेकिन आज तक उस जमीन के लिए शहीद के माता-पिता एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। आज तक शहीद के इस परिवार को न्याय नहीं मिल सका है और वह दर-दर भटकने को मजबूर हैं।