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यूरोपियन यूनियन से भी पाकिस्तान को लगी लताड़, इमरान खान के लिए मुंह दिखाना हुआ मुश्किल

पोलैंड के नेता और EU सांसद रिजार्ड जार्नेकी

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के भारत के फैसले का यूरोपियन यूनियन (EU) ने समर्थन किया है। साथ ही, जम्मू-कश्मीर पर यूरोपीय यूनियन ने पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई है। EU संसद में बुधवार को कश्मीर पर चर्चा हुई। इस दौरान पोलैंड और इटली ने पाकिस्तान का विरोध किया। पोलैंड ने सख्त तेवर अपनाते हुए कहा कि भारत में आतंकी चांद से नहीं पाकिस्तान से आते हैं। पोलैंड ने यह बात EU की संसद में कही है। चर्चा के दौरान पोलैंड के यूरोपियन कंजर्वेटिव एंड रिफॉर्मिस्ट ग्रुप ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे महान लोकतंत्र है। हमें उन आतंकी गतिविधियों को देखना होगा जो जम्मू-कश्मीर में हो रही हैं।

ग्रुप ने कहा- हिंदुस्तान में आतंकी चांद से नहीं आए। वे भारत के ही पड़ोसी देश से आ रहे हैं। हम पूरी तरह भारत का समर्थन करते हैं। फ्रांस के स्‍ट्रॉसबर्ग में यूरोपीय संघ की संसद ने 18 सितंबर को पिछले 11 सालों में पहली बार कश्‍मीर मुद्दे पर चर्चा की और भारत को अपना समर्थन दिया। यहां जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटाए जाने मसले पर चर्चा हुई। इससे पहले 2008 में यहां कश्‍मीर का मुद्दा उठा था। जम्मू कश्मीर को लेकर पाकिस्तान लगातार अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि खराब करने की कोशिश में जुटा है, लेकिन उसे लगातार मुंह की खानी पड़ रही है। अमेरिका, रूस, फ्रांस, इजराइल जैसे देशों के अलावा संयुक्त राष्ट्र ने भी पाकिस्तान को नसीहत दी है।

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अब यूरोपीय यूनियन ने पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर को लेकर फटकार लगाई है। यूरोपीय यूनियन ने कश्‍मीर मुद्दे पर शांतिपूर्ण हल निकालने के लिए भारत-पाकिस्‍तान को बातचीत करने की नसीहत दी है। वहीं, इटली ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकी यूरोप में हमले की योजना बना रहे हैं। इटली के यूरोपीयन पीपुल्‍स पार्टी के फुल्‍वियो मार्तुसाइल्‍लो ने कहा, ‘पाकिस्‍तान परमाणु हथियारों के प्रयोग करने की धमकी दी है। यह देश आतंकी भेजकर यूरोप में अशांति फैलाने की योजना बना रहा है।’ उन्होंने पाकिस्तान पर मानवाधिकार उल्लंघनों का आरोप लगाते हुए कहा, ‘पाकिस्तान ऐसी जगह है जहां से आतंकवादी यूरोप में खूनी आतंकवादी हमले करने की योजना बना पाए।’

यूरोपीय आयोग की उपाध्यक्ष फेडेरिका मोघरिनी की तरफ से चर्चा की शुरुआत करते हुए यूरोपीय संघ की मंत्री त्यत्ती तप्पुरैनेन ने कहा,’कोई भी कश्मीर में और तनाव बढ़ने का जोखिम मोल नहीं ले सकता।’ यूरोपीय संघ की मंत्री ने भारत और पाकिस्तान से वार्ता के जरिए कश्मीर मुद्दा हल करने की मांग करते हुए नियंत्रण रेखा के दोनों तरफ की कश्मीरी आबादी के हितों के सम्मान में शांतिपूर्ण और राजनीतिक हल निकालने का आह्वान किया। साथ ही, उन्होंने भारत से घाटी में संचार के माध्यम बहाल करने की अपील की।

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