Coronavirus Updates: वैश्विक महामारी कोरोना वैक्सीन की खोज कर रहे वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्हें एक ऐसी दवा मिली है जो इस वैश्विक महामारी के खिलाफ कारगर हो सकती है। वैज्ञानिकों ने कहा कि अत्याधुनिक कंप्यूटर सिमुलेशन का प्रयोग करने पर यह जानकारी मिली है कि ‘एब्सलेन दवा’ कोरोना वायरस (Coronavirus) को कोशिकाओं में बढ़ने से रोकने में सक्षम है।
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ये दवा कोरोना (Coronavirus) के प्रोटीन पर हमला करती है
जर्नल साइंस एडवांसेज में प्रकाशित इस अध्ययन में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मुख्य प्रोटीन एमप्रो (Mpro) की जांच की गई। एमप्रो कोरोना वायरस के जीवन चक्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। शोधकर्ताओं के अनुसार‚ जांच में पता चला है कि एमप्रो (Mpro) कोरोना वायरस के जेनेटिक मेटेरियल से प्रोटीन बनाने की क्षमता को सुविधाजनक बनाता है जिससे कोरोना वायरस मेजबान सेल में अपनी संख्या को तेजी से बढ़ाता है।
काफी असरदार है ये दवा
स्वदेशी ‘कोवैक्सीन’ के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. संजय राय ने इस नई थ्योरी को अध्ययन करने के बाद बताया कि मॉडलिंग जैविक अणुओं में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करते हुए वायरस के खिलाफ संभावित उपयोग के लिए हजारों मौजूदा यौगिकों की तेजी से जांच की। इसमें पाया कि एब्सलेन नाम की दवा एमप्रो के खिलाफ प्रभावी तरीके से काम कर रही है। इस दवा में एंटी वायरल एंटी–इंफ्लेमेटरी‚ एंटी–ऑक्सीडेटिव‚ जीवाणुनाशक और सेल–सुरक्षात्मक गुण होते हैं।
इंसानों पर दवा का क्लीनिकल ट्रायल सुरक्षित
एब्सलेन का उपयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। इस दवा को बायपोलर डिसॉर्डर और सुनाई न देने पर प्रयोग किया जाता है। डॉ. संजय राय ने कहा कि इस दवा के कई क्लीनिकल ट्रायल से मनुष्यों में उपयोग के लिए इसे सुरक्षित साबित कर दिया है।
अभी रेमेडिसविर व ब्लड प्लाज्मा से हो रहा कोरोना का इलाज
मौजूदा समय में कई देश कोरोना (Coronavirus) के उपचार के लिए रेमेडिसविर दवा का उपयोग कर रहे हैं। यह एक एंटी वायरल दवा है जो इबोला के इलाज के लिए बनाई गई थी। लेकिन उस समय इस दवा ने काम नहीं किया था। अब यह दवा कोरोना के रोगियों पर सकारात्मक असर कर रही है। यह दवा कोरोना से मरीजों के मरने की दर को 30 से 60 फीसदी तक कम कर रही है।
कोरोना का दूसरा इलाज ब्लड प्लाज्मा है। जो अभी कोरोना (Coronavirus) के इलाज में प्रयोग के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। इस इलाज को सुरक्षित माना गया है‚ लेकिन यह कितना काम करता है‚ इसकी जांच चल रही है।