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लॉकडाउन के नियमों को नहीं मान रहे लोग, कोरोना का खतरा कम होने के बजाय और बढ़ा

भारत में कोरोना वायरस को स्टेज-3 में पहुंचने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने अपनी पूरा ताकत लगा दिया है। देश के प्रधानमंत्री ने खुद रविवार को लोगों से घर में रहने की अपील की थी, जिसके बाद जनता कर्फ्यू को लोगों ने भारी समर्थन दिया वहीं लॉकडाउन (Lockdown) का उल्लंघन भी जमकर किया गया। सीमा सील होने के बावजूद राजधानी दिल्ली में नोएडा–दिल्ली बार्डर और बदरपुर–फरीदाबाद बार्डर की तरफ से आवाजाही देखने को मिली‚ जाम की स्थिति देखने को मिली‚ जिसको देख कर संवेदनशील लोगों के कान खड़े होना स्वाभाविक है। लोग महामारी को दावत देते नजर आए। लॉकडाउन बेअसर दिखा। केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस (Coronavirus) की भयावहता को देखते हुए देश राज्य सरकारों को जनता कर्फ्यू के बाद लॉकडाउन लगाने की बात कही, जिसके बाद अधिकांश राज्य सरकारों ने लॉकडाउन (Lockdown) की घोषणा की है।

रविवार को जनता कर्फ्यू को लोगों ने समर्थन दिया‚ लेकिन सोमवार को लॉकडाउन (Lockdown) को लोगों ने गंभीरता से नहीं लिया। सोमवार को मेट्रो सेवा पूर्ण रूप से बंद रही। मात्र पच्चीस प्रतिशत बसें सड़कों पर उतरीं। बसों में खचाखच भीड़ देखने को मिली। यानी लोग एक दूसरे से दूरी बनाने की बजाय चिपक कर यात्रा करते हुए देखे गए। राशन और सब्जी की दुकानों पर भी भीड़ देखने को मिली।

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करोना वायरस (Coronavirus) से बेखौफ लोगों को कई जगह पुलिस ने समझाने की कोशिश की। कुछ लोगों ने लॉक डाउन के बारे में जानकारी न होने की बात कहकर सॉरी बोला।

कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर से लोगों को बचाने के लिए मेट्रो ट्रेन से लेकर रेलवे ने ट्रेनों का परिचालन तक बंद कर दिया है। ऐसे में दिल्ली सरकार ने दिल्ली के जरूरत मंद लोगों के लिए डीटीसी की 25 फीसदी बसों को सड़कों पर उतारा है‚ लेकिन इन बसों में उमड़ी भीड़ को देख कर सरकार के होश उड़ गए। उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि ये लोग आखिर कहां आ जा रहे हैं?

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p style=”text-align: justify;”>समझ में नहीं आ रहा कि जब सभी तरह के दफ्तर‚ बाज़ार‚ दुकान‚ धार्मिक स्थल‚ पर्यटन स्थल बंद हैं तो फिर बसों में सफर करने वाली भीड़ कहां जा रही है। यह एक बड़ा सवाल है जिसे लोगों को समझना होगा।