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छत्तीसगढ़: खूंखार नक्सली ‘हिडमा’ की टीम का हिस्सा था कोरोना से मरने वाला नक्सली कमांडर, तेलंगाना में हुई मौत

हिडमा (फाइल फोटो)

छत्तीसगढ़ में 3 अप्रैल को हुए नक्सली हमले के मास्टरमाइंड हिडमा (Hidma) की टेक्निकल टीम का हिस्सा था। इस नक्सली हमले में सुरक्षाबलों के 22 जवान शहीद हुए थे।

रायपुर: तेलंगाना में एक नक्सली कमांडर कोरसा गंगा उर्फ आयतु की कोरोना से मौत हो गई। उसका हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। ये नक्सली मूल रूप से छत्तीसगढ़ के बीजापुर का निवासी था।

इस खबर के सामने आने के बाद एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है। जिस नक्सली कमांडर कोरसा गंगा की मौत हुई है, वह छत्तीसगढ़ में 3 अप्रैल को हुए नक्सली हमले के मास्टरमाइंड हिडमा (Hidma) की टेक्निकल टीम का हिस्सा था। इस नक्सली हमले में सुरक्षाबलों के 22 जवान शहीद हुए थे।

कौन है हिडमा?

हिडमा (Hidma) छत्तीसगढ़ का खूंखार नक्सली है, जिस पर कई नक्सली हमलों को अंजाम देने का आरोप है। हिडमा पर कई लाख का इनाम है और उसे संतोष उर्फ इंदमुल उर्फ पोडियाम भीमा जैसे कई नामों से जाना जाता है। ये नक्सली छत्तीसगढ़ समेत कई नक्सल प्रभावित राज्यों में पुलिस के लिए मोस्टवांटेड है।

हिडमा (Hidma), सुकमा जिले का ही रहने वाला है। उसका जन्म सुकमा जिले के पुवर्ती गांव में हुआ था। इस गांव में आज भी विकास नहीं हुआ है और यहां ना ही सड़कें हैं और ना ही किसी अन्य तरह की सुविधा है।

यह गांव दुर्गम पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरा है और यहां पूरी तरह नक्सलियों का राज चलता है। यहां नक्सलियों की जनताना सरकार चलती है। कहा जाता है कि नक्सली गतिविधियों का खाका इसी गांव में तैयार किया जाता है।

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छत्तीसगढ़ का सुकमा जिला हिडमा का गढ़ माना जाता है। सुकमा में होने वाली सभी नक्सली गतिविधियों की डीलिंग हिडमा ही करता है।

अगर कद-काठी की बात की जाए तो नक्सली हिडमा एक दुबले-पतले शरीर का शख्स है, लेकिन नक्सली संगठनों के बीच उसने अपनी हिंसात्मक शैली की वजह से अपना कद बड़ा कर लिया है। नक्सली गतिविधियों को अंजाम देने और नक्सली संगठन पर प्रभाव होने की वजह से वह कम उम्र के बावजूद माओवादियों की टॉप सेंट्रल कमेटी का सदस्य है।

नक्सली हिडमा की सुरक्षा में घातक टीमें रहती हैं। इस टीम के पास आधुनिक हथियार हैं और वह 24 घंटे हिडमा की सुरक्षा करती हैं। हिडमा के पास 800 नक्सलियों की पूरी फौज है।