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छत्तीसगढ़: नारायणपुर में मुठभेड़ में 5 नक्सली मारे गए, एक जवान शहीद

नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में 24 अगस्त को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में पांच नक्सली मारे गए।

नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में 24 अगस्त को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में पांच नक्सली मारे गए। इसके साथ ही जवानों ने नक्सलियों के ट्रेनिंग कैंप को भी ध्वस्त कर दिया। इस मुठभेड़ में डीआरजी के दो जवान घायल हो गए। जिनमें से एक जवान राजू नेताम इलाज के दौरान 25 अगस्त को शहीद हो गए। दूसरे घायल जवान सोमारू गोटा का इलाज रायपुर के अस्पताल में किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, अबूझमाड़ के ओरक्षा इलाके में नक्सलियों के मूवमेंट की खबर मिली थी। इसके बाद जवान रात में सर्चिंग पर निकले थे। सुबह होते ही जवानों ने नक्सलियों पर हमला बोल दिया।

मुठभेड़ के दौरान डीआरजी के जवानों ने ओरछा से करीब 20 किमी अंदर धुरबेड़ा में चल रहे नक्सल कैंप को भी घेर लिया और उसे तबाह कर दिया। फायरिंग के बाद मारे गए नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। साथ ही घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए हैं। इनमें तीर बम, बंदूकें, वायरलेस सेट जैसी चीजें भी शामिल हैं। नक्सलियों के पास मिले हथियारों में शामिल तीर बम में तीर के नुकीले मुहाने पर विस्फोटक लगा होता है। जैसे ही ये निशाने से टकराता है, ब्लास्ट हो जाता है। यह हैंड ग्रेनेड की तरह काम करता है। इसे तीर की तरह धनुष से ही लॉन्च किया जाता है। इस तरह के बमों का इस्तेमाल हॉलीवुड फिल्म रैम्बो में भी दिखाया गया था।

इससे पहले भेज्जी के पास साल 2017 में सीआरपीएफ की टुकड़ी पर हुए हमले में इस तरह के तीर बम का नक्सलियों ने उपयोग किया था। इन्हें रैम्बो स्टाइल एयरो बम कहा जाता है। बुरकापाल इलाके से भी ऐसे तीर बरामद हुए थे। डीजी डीएम अवस्थी के मुताबिक, बड़ा नक्सली कैंप था। यह माढ़ एरिया कमेटी का ट्रेनिंग कैंप था। जिस इलाके में कैंप था, उसे नक्सली बेहद सुरक्षित मानते हैं। उन्होंने कहा कि माओवाद के गढ़ तक जवान पहुंच रहे हैं। जवानों के वहां पहुंचने से माओवादियों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।

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