छत्तीसगढ़ के नक्सल (Naxal) प्रभावित जिले दंतेवाड़ा से पुलिस ने दो नक्सलियों को गिरफ्तार किया। इनमें से एक का नाम लालूराम वेको है। लालू पर दो लाख रुपए का इनाम था। वह बचपन में नक्सल संगठन से बाल सदस्य के रूप में जुड़ा। लालू के साथ उसकी एक महिला साथी को भी पकड़ा गया है। ये दोनों पुलिस टीमों पर कई फायरिंग की घटनाओं और आगजनी की घटनाओं में शामिल थे।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, बाल सदस्य के रूप में लालू साल 2001 में नक्सलियों से जुड़ा। इसका काम था गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को नक्सली (Naxal) संगठन के बारे में बताना। इसके लिए यह नाच-गाने का सहारा लिया करता था। संगीत के जरिए नक्सलियों का प्रचार-प्रसार किया करता था। लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काना लालू का मुख्य काम था। इसके अलावा जब कभी गांव में माओवादियों के बड़े लीडर आते तो उनके खाने की व्यवस्था करने का काम करता था। गांव में लालू संतरी ड्यूटी करता था। जब फोर्स के आने की आहट महसूस होती तो पटाखे फोड़कर गांव में मौजूद नक्सलियों को आगाह करता था।
लालू के साथ गिरफ्तार महिला नक्सली (Naxal) लेकाम बुधरी साल 2018 में नक्सली बनी। दोनों ने मिलकर कई जगहों पर आईईडी ब्लास्ट, स्पाइक होल बनाना, गाड़ियों में आग लगाना और फायरिंग की घटनाओं को अंजाम दिया है। जानकारों के मुताबिक इस तरह से नक्सलियों (Naxal) द्वारा बच्चों का इस्तेमाल या गीत संगीत से गांव वालों को रिझाने का सिलसिला अब भी जारी है। दरअसल, नक्सली पहले बच्चों का बाल संघम का सदस्य बनाते हैं। वहां उन्हें हथियार चलाने, बम प्लांट करने की ट्रेनिंग दी जाती है।
नक्सली इन बच्चों का इस्तेमाल मुखबिरी के लिए भी करते हैं। क्योंकि बच्चों का इस्तेमाल कर पुलिस की गतिविधियों के बारे में सूचना निकलवाना नक्सलियों के लिए आसान रहा है। इसके अलावा नक्सली इन बच्चों से राशन मंगाने का काम भी करवाते हैं क्योंकि वो खुद खुलेआम बाजार जाने से डरते हैं। हालांकि इसका तोड़ फोर्स भी निकाल चुकी हैं। नाच-गाकर पुलिस फोर्स की टीमें भी ग्रामीणों को नक्सलवाद के बारे में जागरुक कर रही हैं।
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