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छत्तीसगढ़: कई इनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर, सरकार की पुनर्वास नीति से थे प्रभावित

बीजापुर जिला मुख्याल पहुंचे चार नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया।

प्रशासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर छत्तीसगढ़ में नक्सली लगातार आत्मसमर्पण कर रहे हैं। पुलिस और सुरक्षा बल भी लगातार यहां नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित कर रहे हैं और उनसे मुख्य धारा में जुड़ने की अपील कर रहे हैं। इसी से प्रेरित हो बीजापुर जिला मुख्याल पहुंचे चार नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। इनमें एक आठ लाख का इनामी कमांडर और तीन लाख रुपये का इनामी डिप्टी कमांडर और एक महिला नक्सली भी शामिल है। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विवेकानंद सिन्हा के मार्गदर्शन में यहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के साथ मिलकर नक्सल उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है।

इसी कड़ी में 19 अगस्त को जिला मुख्यालय पहुंचे पीएलजीए बटालियन 01 के कंपनी नम्बर 01 के सेक्शन कमाण्डर 8 लाख का इनामी राकेश उईका और प्लाटून नम्बर 13 के सेक्शन डिप्टी कमाण्डर 3 लाख के इनामी केसु उर्फ सुख लाल सहित 4 माओवादियों ने पुलिस के सामने आत्मसमपर्ण कर दिया। पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल के अनुसार, राकेश उईका उर्फ बिल्ला दक्षिण बस्तर डिवीजन में सेक्शन कमांडर के तौर पर सक्रिय रहते हुए कई बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका था।  साल 2010 में पश्चिम बस्तर स्मॉल एक्शन टीम में भरती होने के बाद से वह पेट्रोलिंग पार्टी पर हमला, हेलीकॉप्टर पर फायरिंग, मिनपा कैम्प में हमला, एम्बुश लगाने सहित कई अन्य घटनाओं में शामिल रहा है।

आत्मसमर्पण करने वाला दूसरा नक्सली केसु भैरमगढ़ एरिया कमेटी में साल 2003 से काम कर रहा था। वह नक्सलियों के ट्रेनिंग स्कूल में शिक्षक के रूप में काम करता था। इसके साथ ही वह फायरिंग और आगजनी की कई घटनाओं में शामिल रहा है। इनके अलावा बुधरू मोड़ियाम और सोमारी कड़ती ने भी आत्मसमर्पण किया है। इन सभी  ने नक्सली विचारधारा से त्रस्त होकर और पुलिस की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है। सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ इन्हें दिया जाएगा। प्रारंभिक सहायता के तहत इन्हें 10-10 हजार रुपये का चेक दिया गया है।

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