Bihar Election Result: तेजस्वी यादव का सपना एक बार फिर अधूरा रह गया है। RJD (राष्ट्रीय जनता दल) को एक बार फिर 5 साल के लिए इंतजार करना होगा।
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे (Bihar Election Result) आ गए हैं। तमाम कयासबाजियों के बीच जनता ने एक बार फिर नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लगाई है और उनके नेतृत्व वाली NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने 243 में से 125 सीटें जीती हैं। बिहार में बहुमत पाने के लिए केवल 122 सीटों की जरूरत थी, लेकिन NDA को बहुमत के आंकड़े से भी 3 सीटें ज्यादा मिली हैं।
अधूरा रह गया तेजस्वी का सपना, महागठबंधन को केवल 110 सीटें
तेजस्वी यादव का सपना एक बार फिर अधूरा रह गया है और RJD (राष्ट्रीय जनता दल) को एक बार फिर 5 साल के लिए इंतजार करना होगा। RJD की अगुवाई वाले महागठबंधन ने वोट काउंटिंग के दौरान NDA को कई बार कांटे की टक्कर दी लेकिन जब फाइनल नतीजे आए तो महागठबंधन को केवल 110 सीटें ही मिलीं।
बता दें कि 125 सीटें जीतने वाले NDA में जेडीयू को 43 सीट, बीजेपी को 74 सीट, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को 4 सीट और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को 4 सीट मिली हैं।
चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी बनी RJD
वहीं 110 सीटें जीतने वाले महागठबंधन में RJD को 75 सीट, कांग्रेस को 19 सीट और कम्यूनिस्ट पार्टियों को 16 सीटें मिली हैं। आरजेडी इस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। उसे एक पार्टी के तौर पर राज्य में सबसे ज्यादा सीटें मिली हैं।
अब NDA को मिले बहुमत के बाद ये तय माना जा रहा है कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ही बनेंगे। क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि भले ही चुनाव में उनकी सीटें कम आएं, लेकिन सीएम नीतीश कुमार ही बनेंगे।
चुनाव में पहले से कमजोर साबित हुए नीतीश कुमार, JDU की सीटें भी घटीं
इस चुनाव नतीजे (Bihar Election Result) में एक बात और सामने निकल कर आ रही है कि भले ही इस चुनाव में NDA ने बहुमत पा लिया हो, लेकिन नीतीश कुमार इस चुनाव में पहले से कमजोर साबित हुए हैं और उनकी पार्टी JDU की सीटें भी कम हुई हैं।
इसके अलावा बिहार में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने भी 5 सीटें जीती हैं।
LJP को केवल एक सीट, पप्पू यादव और पुष्पम प्रिया को नहीं मिली एक भी सीट
वहीं NDA से अलग होकर चुनाव लड़ने वाली लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) केवल एक सीट ही जीत पाई है। बहुजन समाज पार्टी को एक सीट और एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार को मिली है।
पप्पू यादव के दल जन अधिकार पार्टी (जाप) और पुष्पम प्रिया की प्लूरल्स पार्टी को इस चुनाव में निराशा का सामना करना पड़ा है। इन दोनों दलों को एक भी सीट नहीं मिली है। हैरानी की बात ये है कि इन दलों के मुखिया भी चुनाव हार गए। पुष्पम प्रिया को एक सीट पर 1600 से भी कम वोट मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई।