बिहार में नक्सलवाद पर लगातार किए जा रहे प्रहार के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। अपनी हिलती हुई जड़ों को बचाने के लिए नक्सली (Naxals) नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। लोगों को बरगलाने के लिए वे कोई न कोई रास्ता ढूढ़ते रहते हैं।
अभी हाल ही में 7 से 15 नवंबर तक दमन विरोधी सप्ताह के बाद राज्य के भागलपुर में नक्सलियों (Naxals) ने 24 से 30 नवंबर तक शहीदी सप्ताह मनाने की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद पुलिस अलर्ट हो गई है। न्यायालय परिसर, रेलवे स्टेशन, समाहरणालय समेत अन्य सरकारी संस्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जोन के सभी पुलिस चौकियों, थानों, पिकेट और अर्द्धसैनिक बलों को एहतियात बरतने को कहा गया है। विशेष शाखा पटना के पुलिस अधीक्षक ने इस बाबत जारी अलर्ट में कहा है कि पुलिस गश्ती या अर्द्धसैनिक बलों की आवाजाही पर खास सतर्कता बरती जाए।
नक्सली (Naxals) इस दौरान थाना, पिकेट, सहायक थानों, गश्ती पुलिस दल, अर्द्धसैनिक बलों के कैंपों, पुलिस मुखबिर, पुलिस केंद्रों आदि पर हमला कर सकते हैं। भागलपुर के बाथ, पीरपैंती, ईशीपुर बाराहाट, सुल्तानगंज, अकबरनगर, शाहकुंड और सजौर थाने को अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा गया है। पुलिस के अधिकारी या गश्ती दल को किसी वारदात संबंधी सूचना मोबाइल पर मिलने पर उस सूचना की सत्यता पता करने के बाद मौके पर तत्काल कूच करने को कहा गया है।
दरअसल, इस तरह के ‘शहीदी सप्ताह’ मनाने के नाम पर ये नक्सली (Naxals) लोगों में दहशत फैलाने का काम करते हैं। इस दौरान वे आम लोगों और सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने की साजिश रचते हैं। नक्सली ‘शहीदी सप्ताह’ के दौरान गांव-गांव जाकर अपने मारे गए साथियों के बारे में मासूम गांववालों को कहानी बताते हैं और उनकी सहानुभूति हासिल करने की कोशिश करते हैं। इसलिए इस बार पुलिस नक्सलियों (Naxals) के इस तरह के अभियान को मुंहतोड़ जवाब देने की पूरी तैयारी में है।
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