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सेना प्रमुख का खुलासा, फिर सक्रिय हुए बालाकोट में आतंकियों के शिविर

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत

पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकियों के शिविर फिर सक्रिय हो गए हैं। जैश-ए-मोहम्मद समेत अन्य आतंकी संगठनों ने दहशतगर्दों को यहां ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी है। सेना प्रमुख (Army Chief) जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) के मुताबिक, पाकिस्‍तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्‍मद का आतंकी प्रशिक्षण कैंप फिर एक्टिव हो गया है। करीब 500 आतंकी कश्मीर में घुसपैठ के लिए तैयार हैं। जनरल बिपिन रावत ने 23 सितंबर को यह जानकारी दी। उन्‍होंने कहा कि भारतीय वायुसेना की हवाई कार्रवाई में ध्‍वस्‍त हो चुके टेरर कैंप में सात महीने बाद फिर आतंकियों को ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि आतंकी शिविरों का दोबारा सक्रिय होना दर्शाता है कि वायुसेना की कार्रवाई में उन्हें भारी नुकसान पहुंचा था। इसलिए लोग वहां से चले गए थे और अब वे फिर से सक्रिय हो गए हैं। कश्मीर में एलओसी पर गोलाबारी पर जनरल रावत ने कहा कि पाकिस्तान सीजफायर का उल्लंघन कर आतंकियों की घुसपैठ कराता है। इन घुसपैठियों से कैसे निपटना है, यह हमें भली-भांति पता है। हमारे जवानों को पता है कि इस स्थिति में खुद को कैसे तैयार करना है और क्या कार्रवाई करनी है। हम सतर्क हैं और यह सुनिश्चित करेंगे कि घुसपैठ की घटनाओं को विफल कर सकें।

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आर्मी चीफ से जब पूछा गया है कि इस बार भी क्या भारतीय सेना एयरस्ट्राइक करेगी तो उन्होंने कहा कि हम एयरस्ट्रा’इक को ही रिपीट क्यों करेंगे। इससे आगे क्यों नहीं जा सकते हैं। आर्मी चीफ ने कहा कि सेना ने सीमा पर पूरी तैयारी की है और नियंत्रण रेखा पर और भी सैनिकों को तैनात किया गया है। सेना प्रमुख ने सरहद पर जारी तनाव पर भी बयान दिया है। सेना प्रमुख ने कहा कि हमारी उत्तर और पश्चिम की सीमाओं पर तनाव है। हमारे पड़ोसियों के साथ संबंध सही नहीं है। ऐसे में हमें सेना का नेतृत्व करने में सक्षम लीडर्स की जरूरत है। सेना प्रमुख ने पाकिस्तान और चीन का नाम लिए बगैर दोनों देशों पर निशाना साधा।

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि युद्ध में कोई उपविजेता नहीं होता है। केवल जीत होती है। हमें सेना में ऐसे लीडर्स की जरूरत है, जो कहते हो कि मुझे फॉलो करो, लेकिन अब आगे बढ़ो। उन्होंने कहा कि भविष्य में साइबर युद्ध होगा और हमें ऐसे लीडर्स की जरूरत है जो इस पर निर्णय ले सकें। सेना प्रमुख ने कहा कि हर देश को अपनी सीमाओं को सुरक्षित करना होगा। हमारे पास उत्तरी और पश्चिमी मोर्चे पर अनिश्चित सीमाएं हैं। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई घुसपै’ठ न हो। हमारा पश्चिमी पड़ोसी राज्य प्रायोजित आ’तंकवाद को बढ़ा रहा है और जम्मू-कश्मीर में हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहा है।

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उन्होंने आगे कहा, ‘कश्मीर घाटी में आतंकवादियों और पाकिस्तान में बैठे उनके संचालकों के बीच संपर्क अवश्य टूटने चाहिए, लेकिन लोगों के बीच संचार प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न नहीं होनी चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘मैं कुछ तत्वों द्वारा इस्लाम की व्याख्या करते देखता हूं जो संभवत: बाधा पैदा करना चाहते हैं। मुझे लगता है कि हमारे पास ऐसे प्रचारक हैं जो इस्लाम का सही अर्थ लोगों तक पहुंचा सकें।’ उन्‍होंने कहा कि भारतीय वायुसेना की ओर से उठाए गए कदमों के बाद अब वहां लोग वाापस लौट रहे हैं। हाल में आई कुछ मीडिया रिपोर्ट में भी बताया गया था कि पाकिस्‍तान से संचालित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने बालाकोट के आतंकी ठिकानों में भारत के खिलाफ हमला करने के लिए आतंकियों को तैयार करना फिर शुरू कर दिया है।

आतंकी कैंप में भारत और दुनिया के अलग-अलग देशों में हमला करने के लिए 40 जिहादियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 (Article-370) हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान भारत में शांति भंग करने की कोशिश में लगा हुआ है। कश्मीर में दहशत फैलाने के लिए वह आतंकियों का सहारा ले रहा है। बता दें कि जैश के आतंकियों ने 14 फरवरी को पुलवमा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था। इस हमले में सीआरपीएफ (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले के 13 दिन बाद भारतीय वायुसेना (Indian Air force) ने बालाकोट में घुसकर एयरस्ट्राइक की थी। जिसमें बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए थे।

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