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अर्मेनिया-अजरबैजान जंग: मुस्लिम देश अजरबैजान का साथ देने के लिए इन देशों ने भेजी अपनी सेना, अर्मेनिया के फाइटर जेट को तुर्की ने गिराया

Armenia and Azerbaijan war

अर्मेनिया और अजरबैजान (Armenia and Azerbaijan) के बीच विवादित क्षेत्र नागोर्नो–काराबाख को लेकर शुरू हुई लड़ाई तीसरे दिन को भी जारी रही। दोनों देशों ने एक–दूसरे पर घातक हमले करने का आरोप लगाया है। इस जंग के तीसरे दिन दोनों तरफ के करीब दो दर्जन लोगों के मारे जाने और सैकड़ों की घायल होने की खबर है। इसी बीच एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। ऐसा कहा जा रहा है कि अर्मेनिया-अजरबैजान (Armenia and Azerbaijan) की जंग में पाकिस्तान अपने सहयोगी देश तुर्की के साथ शिरकत कर रहा है। अजरबैजान की तरफ से पाकिस्तानी सेना अर्मेनिया के खिलाफ युद्ध लड़ रही है। वहीं सीरिया में इस्लामिक स्टेट के लड़ाके भी अजरबैजान की मदद करने के लिए युद्ध स्थल के लिए रवाना हो गये हैं। वहीं इस जंग में अर्मेनिया के साथ सिर्फ रूस खड़ा दिखाई दे रहा है।

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मुस्लिम देश अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि अर्मेनियाई बलों ने टारटार शहर पर गोलाबारी शुरू कर दी। वहीं‚ ईसाई देश अर्मेनिया के अधिकारियों ने कहा कि लड़ाई रातभर जारी रही और अजरबैजान ने सुबह के समय घातक हमले शुरू कर दिए।

अर्मेनिया (Armenia) का तुर्की पर आरोप

अजरबैजान के रक्षा मंत्रालय ने इंटरफैक्स समाचार एजेंसी को बताया कि लड़ाई में अर्मेनिया के 550 से अधिक सैनिकों को नुकसान पहुंचा है। वहीं‚ अर्मेनिया के अधिकारियों ने इस दावे को खारिज किया है और खुद अजरबैजान के चार हेलिकॉप्टरों को मार गिराने के दावा किया। साथ ही आरोप लगाया है कि तुर्की के F-16 फाइटर जेट ने उसके सुखोई SU-25 को मार गिराया है, जिसमें पायलट की मौत हो गई है।

गौरतलब है कि जिस इलाके में दोनों देशों (Armenia and Azerbaijan) के बीच जंग की शुरुआत हुई‚ वह अजरबैजान की सीमा में आता है लेकिन यहां पर 1994 से ही अर्मेनिया द्वारा समर्थित बलों का कब्जा है। अजरबैजान के कुछ क्षेत्रों में मार्शल लॉ लगाया गया है तथा कुछ प्रमुख शहरों में कर्फ्यू के आदेश भी दिए गए हैं। वहीं अमेरिका और रूस ने अर्मेनिया और अजरबैजान (Armenia and Azerbaijan) से युद्ध विराम की अपील की है, लेकिन इसके बावजूद युद्ध लगातार जारी है।

इसी बीच जर्मनी समेत कई अन्य यूरोपीय देशों ने अर्मेनिया और अजरबैजान (Armenia and Azerbaijan) के बीच नागोर्नो–काराबख क्षेत्र में जारी हिंसक संघर्ष के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में चर्चा करने का अनुरोध किया है। सूत्रों के अनुसार यूरोपीय देशों ने सुरक्षा परिषद में एक बैठक बुलाकर इस मुद्दे पर चर्चा करने का अनुरोध किया है। जर्मनी और अन्य यूरोपीय देशों की ओर से सुरक्षा परिषद को इस संबंध में आधिकारिक रूप से अनुरोध भेज दिया गया है।