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Pulwama Attack: कुछ दिन पहले ही मनाया था बेटी का पहला जन्मदिन

pulwama martyrs from odisha manoj kumar and prasanna sahoo

Pulwama Attack: पुलवामा में शहीद हुए जवानों और उनके परिवारों की कहानियां ऐसी कहानियां सामने आ रही हैं कि पढ़कर और सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। आतंकियों की इस कायराना हरकत ने कई परिवारों की खुशियां एक साथ उजाड़ दिया। इस हमले में ओडिशा के शहीदों की कहानियां भी ऐसी ही हैं।

ओडिशा में कटक के पास रतनपुर गांव के कॉन्स्टेबल मनोज कुमार बेहेरा भी 40 शहीदों में से एक हैं। घटना से पहले तड़के ही मनोज ने कॉल किया था और अपनी लोकेशन की जानकारी देकर वापस फोन करने को कहा था। लेकिन कुछ घंटों बाद पुलवामा में उनके शहीद होने की खबर सुनकर विश्वास ही नहीं हो रहा है। पति के शहीद होने की खबर सुनकर बेसुध पत्नी इतिलता कुछ भी बोल पाने की स्थिति में नहीं हैं।

14 फरवरी को सुबह तीन बजे मनोज का कॉल आया था। उन्होंने कहा कि उनका काफिला श्रीनगर के लिए निकलने वाला था। लेकिन उसमें देर हो गई है, क्योंकि रास्ता साफ नहीं है। मनोज ने श्रीनगर पहुंचकर वापस फिर से कॉल करने का वादा किया था। बीते साल दिसंबर में मनोज परिवार के साथ छुट्टी पर गए थे। वे बहुत खुश थे। 16 जनवरी को उन्होंने बेटी का पहला जन्मदिन मनाया था और छह फरवरी को वे वापस ड्यूटी पर कश्मीर चले गये थे। मनोज कुमार ने 2006 में सीआरपीएफ ज्वाइन किया था। जनवरी 2017 में उनकी शादी इतिलता से हुई थी। उनकी एक साल की बेटी है।

ओडिशा के दूसरे शहीद जवान जगहसिंहपुर के प्रसन्ना साहू हैं। वे सीआरपीएफ की 61वीं बटैलियन में कॉन्स्टेबल थे और बीते साल नवंबर में आखिरी बार घर आए थे। उनके शहीद होने की खबर सुनकर पत्नी सदमे में हैं। प्रसन्ना की बेटी सोनी ने कहा कि उन्हें पिता पर गर्व है। वे हमेशा से ही देश के लिए कुछ कर गुजरने का ख्वाब देखते थे।