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जिन नन्हें हाथों को पिता का सहारा लेकर अभी चलना सीखना था, उन्हीं ने दी शहीद पिता को मुखाग्नि

मध्य प्रदेश के महू में सैन्य प्रशिक्षण के दौरान हुई दुर्घटना में देवबंद के अरूण राणा जख्मी हो गए थे। 11 अप्रैल की रात अरूण को दिल्ली के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। अरूण उत्तप्रदेश के देवबंद थाना के रणखंडी गांव के रहने वाले थे। वे मध्य प्रदेश के महू में सैन्य प्रशिक्षण ले रहे थे। वहीं प्रशिक्षण के दौरान हुए हादसे में वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

उनकी शहादत की खबर जैसे ही घर पहुंची, घर में कोहराम मच गया। उनकी अकस्मिक मृत्यु से उनकी पत्नी सदमे में हैं। परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। 12 अप्रैल की सुबह अरूण का शव उनके पैतृक गांव रणखंडी पहुंचा। जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। अरूण के छोटे भाई ने जब उनके दूधमुंहे बच्चे को गोद में लेकर मुखाग्नि दिलवाई तो वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें भर आईं।

उन नन्हें हाथों को अभी जिस पिता का सहारा लेकर चलना सीखना था, उन्हीं ने पिता को मुखाग्नि दी। अरूण के पिता का नाम राजेंद्र राणा है। अरुण 2009 में सेना में भर्ती हुए थे। उनकी शादी 3 साल पहले हुई थी और उनका 2 महीने का एक बेटा है। अरूण के छोटे भाई भी सेना में हैं।

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