Hindi News (हिंदी समाचार), News in Hindi, Latest News In Hindi

Today History (17 April): भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन

आज का इतिहास (Today History): 17 अप्रैल को देश और दुनिया में हुई कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं में से कुछ हैं, स्वतंत्र भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जन्म तमिलनाडु के तिरूतनी ग्राम में, जो मद्रास, अब चेन्नई से लगभग 64 कि॰ मी॰ की दूरी पर स्थित है, 5 सितंबर 1888 को हुआ था। यह एक ब्राह्मण परिवार से संबंधित थे। इनका जन्म स्थान एक पवित्र तीर्थस्थल के रूप में विख्यात रहा है। सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन ने लम्बी बीमारी के बाद 17 अप्रैल, 1975 को प्रातःकाल अन्तिम सांस ली। वह अपने समय के एक महान् दार्शनिक थे। देश के लिए यह अपूर्णीय क्षति थी।

पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद की गौरवशाली परम्परा को आगे बढ़ाया। उनका कार्यकाल 13 मई, 1962 से 13 मई, 1967 तक रहा। उनका नाम भारत के महान् राष्ट्रपतियों की प्रथम पंक्ति में सम्मिलित है। उनके व्यक्तित्व और कृतित्व के लिए सम्पूर्ण राष्ट्र इनका सदैव ऋणी रहेगा। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के तिरूतनी ग्राम में, 5 सितंबर 1888 को हुआ था। इनका जन्मदिवस 5 सितंबर आज भी पूरा राष्ट्र ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाता है। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के ज्ञानी, एक महान् शिक्षाविद, महान् दार्शनिक, महान् वक्ता होने के साथ ही साथ विज्ञानी हिन्दू विचारक थे। डॉक्टर राधाकृष्णन ने अपने जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में व्यतीत किए थे। वह एक आदर्श शिक्षक थे।  राधाकृष्णन का जन्म तमिलनाडु के तिरूतनी ग्राम में, जो मद्रास, अब चेन्नई से लगभग 64 कि॰ मी॰ की दूरी पर स्थित है, 5 सितंबर 1888 को हुआ था। यह एक ब्राह्मण परिवार से संबंधित थे। इनका जन्म स्थान एक पवित्र तीर्थस्थल के रूप में विख्यात रहा है। सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन ने लम्बी बीमारी के बाद 17 अप्रैल, 1975 को प्रातःकाल अन्तिम सांस ली। वह अपने समय के एक महान् दार्शनिक थे। देश के लिए यह अपूर्णीय क्षति थी।

Today History- इतिहास में 17 अप्रैल की तारीख में दर्ज देश और दुनिया अन्य महत्वपूर्ण घटनाएं:-

Today History- इतिहास में  17 अप्रैल को जन्मी कुछ प्रमुख हस्तियां

Today History- इतिहास में 17 अप्रैल को देश-दुनिया के कुछ प्रमुख हस्तियों का निधन