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17 साल में लॉ की डिग्री, खुद के लिए लड़ी पहली कानूनी लड़ाई

Ram Jethmalani Birth Anniversary:  भारत के प्रख्यात कानूनविद् और पूर्व कानून मंत्री राम जेठमालानी का हाल ही में 95 साल की उम्र में 8 सितंबर को देहान्त हो गया था।  जेठमलानी कई दिनों से बीमार चल रहे थे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कानून मंत्री रहे राम जेठमलानी को क्रिमिनल केसों में महारत हासिल थी। कानून की छोटी से छोटी बारीकियों के बड़े जानकार  जेठमलानी ने अपने वकालत के पेशे में देश के तमाम हाईप्रोफाइल मुकदमे लड़े । इन केसों की वजह से उन्होंने मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरीं। देश के सबसे महंगे वकीलों में से एक राम जेठमलानी की 14 सितंबर को 96 वीं बर्थ एनिवर्सरी है। महज एक सप्ताह पहले इस दुनिया से विदा लेने वाले इस महान वकील की जिंदगी पर एक नजर।

राम जेठमलानी (Ram Jethmalani) का जन्म 14 सितंबर, 1923 को पाकिस्तान के सिंध में शिकारपुर नामक जगह पर हुआ। जेठमलानी के पिता का नाम बूलचंद गुरमुखदास जेठमलानी था और पार्वती बूलचंद इनकी माता थीं। एक कहावत है कि होनहार बिरबान के होत चिकने पात । ये कहावत राम जेठमलानी की जीवनी का जीवंत उदाहरण है। राम जेठमलानी बचपन में इतने मेधावी थे कि उन्होंने दूसरी, तीसरी और चौथी कक्षा की पढ़ाई 1 साल में ही पूरी कर ली और महज 13 साल की उम्र में उन्होने मैट्रीक की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। महज 17 साल की उम्र में कानून की डिग्री हासिल करने वाले राम जेठमलानी पहले इंसान थे। तब कानून की पढ़ाई की न्यूनतम आयु 21 साल थी। लेकिन सरकार के इस निर्णय के लिए खुद राम जेठमलानी कोर्ट पहुंच गए और उन्होंने अपने करियर की पहली कानूनी लड़ाई खुद के लिए लड़ी और जीता भी। तत्कालिन ब्रिटिश जज ने जेठमलानी के दलीलों को सुनने के बाद उनके हक में फैसला सुनाया और कानून की प्रैक्टिस करने की उम्र सीमा 21 से घटाकर 18 कर दी। लेकिन जेठमलानी ने बतौर वकील अपने करियर की शुरुआत 21 साल की उम्र में की थी

इतिहास में आज का दिन – 14 सितंबर

राम जेठमलानी (Ram Jethmalani) की शादी 18 साल की उम्र में दुर्गा देवी से कर दी गई। 1947 में विभाजन से महज कुछ दिन पहले ही उन्होंने  रत्ना साहनी से दूसरी शादी की। इस तरह दो पत्नियों से उनके चार बच्चे हुए जिनका नाम रानी, शोभा, महेश और जनक है।

राम जेठमलानी (Ram Jethmalani) वकालत के साथ-साथ राजनीति में भी काफी सक्रिय थे। सन 1971 में उन्होंने पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन यहां पहली बार उन्हें जीत नहीं अनुभव हासिल हुई। उन्होंने आपातकाल के बाद 1977 में तत्कालिन कानून मंत्री के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। यहीं से जेठमलानी ने अपना राजनीतिक सफर की शुरुआत की। उन्हें 1996 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी की पहली सरकार में कानून मंत्री बनाया गया। 1998 में वो शहरी मामलों और रोजगार मंत्री की भी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। इसके बाद जेठमलानी कई बार राज्यसभा सांसद के तौर पर भी संसद में शिरकत करते रहे।

राम जेठमलानी (Ram Jethmalani) के बारे में कहा जाता है कि वो एक केस के लिए कम से कम 25 लाख चार्ज करते थे। वो अपने अमीर क्लाइंटो के लिए फीस में कोई रियायत नहीं देते थे। लेकिन गरीब और जरुरतमंदों के लिए वो बिना फीस लिए ही पैरवी करते थे।

राम जेठमलानी (Ram Jethmalani) 75 साल लंबे अपने वकालत के पेशे में कई ऐसे हाई प्रोफाइल केस लड़ें जिनके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।  इन केसों की वजह से जहां वो मीडिया के सुर्खियों में रहे वहीं विवादों से भी उनका नाता रहा। एक नजर ऐसे ही बड़े केसों पर जिसमें उन्होंने पैरवी की।

देश की आत्मा कही जाने वाली राष्ट्र भाषा हिंदी की दशा और दिशा

1- हवाला कांड में पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का बचाव

2- मॉडल जेसिका लाल मर्डर केस में हरियाणा के बड़े कारोबारी मनु शर्मा का बचाव

3- पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्या के आरोपियों का बचाव

4- पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के आरोपियों का बचाव

5- सोहराबुद्दीन फर्जी एन्काउंटर मामले में मौजूदा गृहमंत्री अमित शाह का बचाव

6- यूपीए सरकार के दौरान हुए बहुचर्चित 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में सांसद कनिमोझी का बचाव

7- जग्गी हत्या के मामले में छत्तीसढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी का बचाव।

8- जोधपुर सैक्सुअल एब्यूज मामले में संत आसाराम बापू का बचाव

9- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक कृष्णा देसाई हत्याकांड में शिवसेना पार्टी का बचाव

10- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दायर अरुण जेटली द्वारा दायर मानहानि का मुकदमा