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जम्मू-कश्मीर पर भारत को मिला सऊदी अरब का साथ, पाकिस्तान को एक और झटका

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने लेकर भारत को मिलने वाला वैश्विक समर्थन लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में अब सऊदी अरब ने भी इस मुद्दे पर भारत का समर्थन किया है। जम्मू-कश्मीर में भारत द्वारा उठाए गए कदम को सऊदी अरब एक जरूरी कदम मानता है। कश्मीर को लेकर इस्लामिक कार्ड खेलने वाले पाकिस्तान के लिए यह बड़ा झटका है। दुनिया भर में बड़ा इस्लामिक ताकत माने जाने वाले सऊदी अरब का समर्थन हासिल करना भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत है।सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से मुलाकात के बाद यह बात कही।

सऊदी अरब ने कश्मीर मुद्दे पर भारत का समर्थन किया है।

डोभाल और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच करीब दो घंटे लंबी बैठक चली। सूत्रों के अनुसार, बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई। बैठक में जम्मू—कश्मीर पर भी चर्चा हुई। इसके बाद प्रिंस सलमान ने इस मुद्दे पर भारत के कदम को उचित समझा। गौरतलब है कि पाकिस्तान लगातार सऊदी अरब के साथ अपने संबंधों को मजबूती देने में लगा हुआ है। साथ ही उसने सऊदी के आगे कई बार कश्मीर का मसला भी उठाया है।

इसके बावजूद सऊदी ने भारत का साथ देने का फैसला किया है। हाल ही में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने सऊदी अरब का दौरा किया था। इसके बाद भी सऊदी अरब की ओर से भारत का समर्थन किया जाना, उसके लिए बड़ा झटका है।गौरतलब है कि बीते 5 सालों में पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सऊदी अरब से संबंधों को सुधारने के लिए भरसक प्रयास किए हैं। इसके चलते सऊदी अरब सुरक्षा और इंटेलिजेंस जैसे मामलों में भी भारत के साझीदार के तौर पर सामने आया है।

सूत्रों ने बताया कि यह बैठक दोनों देशों के संबंधों को और बेहतर करने वाली है। सूत्रों का कहना है कि इस यात्रा का उद्देश्य ऐसे समय में सहयोग के विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करना है, जब सऊदी अरब प्रिंस सलमान के ‘विजन 2030’ के अनुरूप अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता लाना चाह रहा है। NSA अजीत डोभाल ने अपने सऊदी समकक्ष मुसैद अल ऐबन के साथ भी बैठक की। उन्होंने राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा की।

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