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महेश भट्ट ने अपनी ही बेटी को किया था स्मूच, पूजा भट्ट से थी शादी की इच्छा

Mahesh Bhatt Birthday : भारतीय फिल्मों के जाने माने फिल्म निर्माता, निर्देशक और लेखक महेश भट्ट (Mahesh Bhatt) किसी परिचय के मोहताज नहीं है। हिंदी सिनेमा को अर्थपूर्ण और अंतरंग दृश्यों को सिने पर्दे पर दिखाने की उनकी कला आज भी लोगों को याद है। अपनी फिल्मी रिश्तों और विवादित बयानों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहने वाले महेश भट्ट अपनी खुशमिजाजी के लिए ज्यादा जाने जाते हैं।

महेश भट्ट (Mahesh Bhatt) का जन्म 20 सितंबर, 1949 को मुंबई में हुआ। उनके पिता नानाभाई भट्ट एक ब्राह्मण थे और उनकी मां शिरीन मोहम्मद अली एक मुस्लिम थीं। महेश के पिता एक मशहूर फिल्मकार थे, शायद यही कारण था कि बचपन से ही महेश का रुझान फिल्मों की तरफ हो गया। महेश 1970 में अपने कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर फिल्मों के निर्देशन में हाथ आजमाने लगे। अपने फिल्मी करियर की शुरुआत उन्होंने निर्देशक राज खोसला के एसिस्टेंट के तौर पर की। महेश ने 21 साल की उम्र में अपनी पहली शार्ट फिल्म ‘संकट’ का निर्देशन किया। साल 1985 में महेश को उनकी  फिल्म सारांश ने के लिए मास्को फिल्म फेस्टिवल में स्पेशल ज्यूरी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। महेश भट्ट ‘अर्थ’, ‘जानम’ और ‘नाम’ जैसी फिल्में बनाकर बॉलीवुड के स्थापित निर्देशकों में शुमार हो गए। उन्होंने अपनी  फिल्मों में अक्सर नये कलाकारों को मौका दिया और बाद में ये कलाकार फिल्म जगत में एक खास मुकाम हासिल किए।

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महेश भट्ट (Mahesh Bhatt) अपनी गैर-परंपरागत स्टाइल के फिल्म निर्माण और बोल्ड विषयों के लिए जाने जाते हैं। ये फिल्में उनकी जिंदगी के अनुभवों को दर्शाती हैं। 1988 में उनकी फिल्म ‘जख्म’ के लिए 1993 के मुंबई दंगों पर आधारित होने के कारण सेंसर बोर्ड को आपत्ति हुई थी। ये फिल्म उनकी मुसलिम मां और उनके हिंदू पिता नानाभाई भट्ट के बीच के संबंधों और इस संबंध के कारण उनकी मुस्लिम मां पर पड़े दबाव की कहानी है। इस फिल्म में शानदार अभिनय के लिए अजय देवगन को बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला था और महेश को बेस्ट स्क्रीन प्ले का अवॉर्ड दिया गया। महेश की साल 1982 में आई फिल्म ‘अर्थ’ में शानदार एक्टिंग के लिए शबाना आजमी को अवॉर्ड भी मिला। उनकी फिल्म ‘सारांश’ में अनुपम खेर की एक्टिंग आज भी लोगों के जेहन में है। महेश ने अपने छोटे भाई मुकेश भट्ट के साथ मिलकर 1987 में अपने प्रोडक्शन कंपनी ‘विशेष’ की स्थापना की और इसी के बैनर तले फिल्मों का निर्माण शुरू किया। महेश ने 1995 में छोटे पर्दे पर भी हाथ आजमाया और ‘स्वाभिमान’ नामक सीरियल का सफल निर्देशन किया। लेकिन 1999 में आई उनकी फिल्म ‘कारतूस’ के असफल होने के बाद उन्होंने निर्देशन से किनारा कर लिया। इस बीच महेश लगातार फिल्मों की कहानी और स्क्रीन-प्ले लिखते रहे। लगभग 20 साल फिल्म निर्माण से दूर रहने के बाद महेश भट्ट फिर से एक बाद फिल्म निर्माण करने जा रहे हैं। महेश अपनी हिट फिल्म ‘सड़क’ के सिक्वेल पर काम कर रहे हैं और जल्द ही बड़े पर्दे पर अपनी वापसी करेंगे।

महेश भट्ट (Mahesh Bhatt) के बारे में कुछ महत्पूर्ण तथ्य