पाकिस्तान (Pakistan) ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) के मामले में एक बार फिर नई चाल चली है। पाकिस्तान ने कहा है कि कुलभूषण जाधव मामले में आगे होने वाली कार्रवाई में उनका पक्ष कोई पाकिस्तानी ही कोर्ट में रखेगा।
सूत्रों के मुताबिक, भारत के सामने शर्त रखते हुए पाकिस्तान की तरफ से कहा जा रहा है कि वो पाकिस्तान के ही किसी वकील को इस मामले में पावर ऑफ अटॉर्नी दे। जाधव के मामले में इंटरनेशलन कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) के आदेश के बाद मिले कॉन्सुलर एक्सेस के दौरान कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) ने भारतीय उच्चायोग को इस मामले में उनका पक्ष रखने का अधिकार दिया था। पिछले महीने एक ट्वीट में पाकिस्तानी सेना ने कहा, ‘कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) के लिए समीक्षा और पुनर्विचार के लिए विभिन्न कानूनी विकल्प पर विचार किया जा रहा है और अंतिम स्थिति समय के अनुसार साझा की जाएगी।’
पिछले हफ्ते विदेश मंत्रालय ने कहा था, ‘कुछ संचार जो इस मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहा है और भारत नई दिल्ली के साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से ‘तत्काल, प्रभावी और निर्बाध’ कांसुलर एक्सेस के लिए अनुरोध कर रहा है।’ इस साल की शुरुआत में हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय अदालत द्वारा कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) को वियना कन्वेंशन के अनुच्छेद 36 के तहत कॉन्सुलर एक्सेस प्रदान करने का आदेश देने के बाद अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में भारत को एक बड़ी कूटनीतिक जीत मिली थी।
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भारत का कहना है कि कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) का ईरान से पाकिस्तानी एजेंसियों द्वारा अपहरण कर लिया गया था और 25 मार्च, 2016 को पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा उनकी हिरासत के बारे में सूचित किया गया था। 2017 में इस्लामाबाद ने घोषणा की थी कि एक सैन्य अदालत ने उन्हें मौत की सजा दी है। जिसके बाद इस मामले में भारत ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का रूख किया था।
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