कोरोना संक्रमण के कारण पिछले डेढ़ साल से रुके केंद्रीय कर्मचारियों (Central Employees) के महंगाई भत्ते की तीन किस्तों के अलावा चौथी किस्त भी आगामी जुलाई से मिलनी शुरू हो जाएगी। यानी कर्मचारियों और पेंशन भोगियों का महंगाई भत्ता 32% हो जाएगा। इस बाबत एक कैबिनेट नोट तैयार होगा‚ जो संभवतः जुलाई के अंत तक कैबिनेट की मीटिंग में प्रस्तुत किया जाएगा। कैबिनेट जब भी फैसला ले‚ यह लागू पहली जुलाई से होगा।
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कोरोना की पहली लहर में संपूर्ण लॉकडाउन के कारण केंद्र सरकार ने सरकारी खर्चे रोकने के लिए अनेक निर्णय लिए थे‚ जिनमें सांसदों का एमपीलेड फंड‚ मंत्रियों के विदेश दौरे पर रोक और केंद्रीय कर्मचारियों (Central Employees) के महंगाई भत्ते की किस्त पर रोक आदि शामिल थी। जिस वक्त महंगाई भत्ते (डीए) की किस्त रोकी गई थी‚ उस वक्त यह दर 17% थी। तब प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि कर्मचारियों (Central Employees) को महंगाई भत्ते की बड़ी किस्त मिलेगी‚ लेकिन एरियर नहीं मिलेगा।
उसी बारे में शनिवार को कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों और सरकारी कर्मचारियों के प्रतिनिधियों की मीटिंग हुई। इस मीटिंग में फैसला लिया गया कि देश की आर्थिक स्थिति सुधारने के कारण कर्मचारियों (Central Employees) को डीए की किस्त जारी की जाए। जब से महंगाई भत्ता रोका गया है‚ तब से तीन बार महंगाई भत्ता बढ़ जाना चाहिए था और यह वृद्धि 11% की होनी चाहिए थी। अगर आज महंगाई भत्ता जारी रहता तो कर्मचारियों को 28% महंगाई भत्ता मिल रहा होता।
मीटिंग में कैबिनेट सेक्रेटरी ने एक्सपेंडिचर सेक्रेटरी को निर्देश दिया कि इस बारे में एक कैबिनेट नोट तैयार करें और उसमें आगामी जुलाई से मिलने वाली चौथी किस्त को भी शामिल करें‚ संभवत चौथी किस्त 4% की होगी । कुल मिलाकर कर्मचारियों (Central Employees) के महंगाई भत्ते की किस्त में 15% का इजाफा होगा। यानी 17% प्लस 15% कुल 32% का लाभ हो जाएगा। गौरतलब है कि केंद्रिय कर्मचारियों व पेंशनधारियों को हर छह महीने में पहली जनवरी व पहली जुलाई को महंगाई भत्ते की बढ़ी हुई किस्त मिलती है।
वहीं, सरकार ने सोशल मीडिया पर वायरल हुये एक फर्जी सरकारी आदेश पर भी ट्वीट कर सफाई दी। जिसमें कहा गया है कि पहली जुलाई से डीए देना शुरू हो जाएगा। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि यह नोट फेक है और इस बारे में स्पष्टीकरण जारी किया गया है।