छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उईके ने 1 अक्टूबर को दंतेवाड़ा में आत्मसर्मपित नक्सलियों से मुलाकात की। उन्होंने समर्पित नक्सलियों से कहा कि वे नक्सली संगठन से जुड़े अन्य लोगों को समाज की मुख्य धारा में जुड़ने के लिए प्रेरित कर समाज और राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दें। राज्यपाल ने दंतेश्वरी महिला कमांडो से भी मुलाकात की और नक्सली उन्मूलन में उनकी भूमिका के लिए सराहना की। यह पहली बार है जब किसी राज्यपाल ने आत्मसर्पित नक्सलियों से मुलाकात की। राज्यपाल ने आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास और उनके रोजगार के लिए हरसंभव प्रयास किए जाने का भरोसा दिलाया।
राज्यपाल ने अधिकारियों को आत्मसमर्पित नक्सलियों की महिला सदस्यों को महिला स्वयं सहायता समूह बनाकर स्व-रोजगार प्रदान करने के निर्देश भी दिए। आत्मसमर्पण कर पुलिस उप निरीक्षक की सेवा करने वाले संजय पोटामी ने राज्यपाल को बताया कि नक्सलियों द्वारा स्थानीय लोगों का शोषण और हिंसा से वह त्रस्त हो चुका था। वहीं घर-परिवार की दिक्कतों को देखकर नक्सलियों का साथ छोड़ दिया और अब खुशहाल जीवन बसर कर रहा है। साथ ही तीन दिन पहले आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली राजू मिडको ने भी अपने घर-परिवार की देखरेख तथा बच्चों की शिक्षा देने के लिए नक्सलियों का साथ छोड़ने की बात कही।
उईके ने आत्मसमर्पित नक्सलियों के परिवार वालों से भी भेंटकर उन्हें आवास और रोजगार के लिए आवश्यक सहायता देने का आश्वासन दिया। उईके ने कहा कि बस्तर में अमन-चैन और शांति स्थापित करने के साथ ही सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सहित अंदरूनी इलाकों में सड़क निर्माण और अन्य विकास कार्य कराए जा रहे हैं। वहीं, जनजातीय समुदाय के लोगों को आजीविका के साधन मुहैया कराए जाने व्यापक पहल की जा रही है।