छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की कांग्रेस सरकार निर्दोष आदिवासियों और छोटे मामलों में गिरफ्तार नक्सलियों पर रहमदिली दिखाने का फैसला लिया है। सरकार जल्द ही पहले निर्दोष आदिवासियों को रिहा करेगी और उसके बाद नक्सलियों के सहयोगी के तौर पर गिरफ्तार लोगों को रिहा करेगी। सरकार का मानना है कि सभी को एक बार सुधरने का मौका दिया जाना चाहिए और जिन लोगों को रिहा किया जा रहा है उनके खिलाफ छोटे-छोटे मामूली मामले ही दर्ज हैं।
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में जस्टिस पटनायक की अध्यक्षता में बनी कमेटी निर्णय लिया है कि आबकारी एक्ट में 320 लोगों को जल्द रिहा किया जाएगा। सबसे पहले रिहाई सरगुजा और बस्तर से गिरफ्तार निर्दोष आदिवासियों की होगी। इसके बाद नक्सलियों के सहयोगी के तौर पर गिरफ्तार किए गए लोगों की जानकारी ली जा रही है। 20 दिनों में इसका निराकरण किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) सरकार के आबकारी एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने बस्तर के जेल में बंद आदिवासियों की रिहाई को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया था। विधायक विक्रम मंडावी और देवती कर्मा की मौजूदगी में मीडिया को जानकारी देते हुए कवासी लखमा ने कहा कि पिछली सरकार ने बहुत से निर्दोष आदिवासियों को जेल भेजा था पूर्णविराम इस मुद्दे को मैं प्रमुखता से उठाता रहा हूं कि जब कांग्रेस की सरकार बनेगी तो निर्दोष आदिवासियों को जेल से रिहा किया जाएगा। इसको लेकर एक कमेटी बनाई गई है। लगातार चुनाव की वजह से इस काम में देरी हुई। मंत्री लखमा ने बताया कि गुरुवार को मेरे साथ लगभग 35 लोगों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर अपनी बात रखी है। पटनायक कमेटी में राजनीतिक व्यक्ति को भी शामिल करने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट का जज इसके सिंगल बेंच में शामिल होगा। सरकार की कोशिश है कि इस मामले में किसी भी तरह की कानूनी पेंच ना फंसे। इस संबंध में विधानसभा चुनाव के पहले बैठक हुई थी।
लखमा ने कहा कि मामूली अपराध में फंसे आदिवासियों को जल्द से जल्द रिहा करने की कवायद चल रही है। नक्सल मामले में कम धारा वालों को पहले छोड़ा जाएगा और जिन पर बड़ी धारा लगी उन्हें थोड़े दिन बाद छोड़ा जाएगा। सभी पुलिस अधीक्षक और संबंधित थाने को इसके लिए स्पष्ट निर्देश दिया जा रहा है। सभी जगह से इसकी पूरी जानकारी भी मांगी गई है।