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Babri Masjid Demolition Case: जानें जज सुरेंद्र कुमार यादव का अयोध्या कनेक्शन, फैसला सुनाते ही हुए रिटायर

फाइल फोटो।

सीबीआई कोर्ट के जज सुरेंद्र कुमार यादव (Judge Surendra Kumar Yadav) का अयोध्या कनेक्शन काफी पुराना रहा है। उनकी पहली तैनाती अयोध्या में ही हुई थी।

लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत ने 30 सितंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस केस (Babri Masjid Demolition Case) से जुड़ा ऐतिहासिक फैसला सुना दिया। सीबीआई कोर्ट के जज सुरेंद्र कुमार यादव (Judge Surendra Kumar Yadav) ने 28 साल पुराने इस केस में फैसला सुनाया है और सभी 32 आरोपियों को बरी कर दिया है।

इस केस के 32 आरोपियों पर फैसला सुनाने के साथ ही जज सुरेंद्र कुमार यादव अपने कार्यकाल से भी मुक्त हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पांच साल पहले उन्हें इस मुकदमे में विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया था। आज यानी 30 सितंबर सुरेंद्र कुमार यादव के रिटायरमेंट का दिन है।

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वैसे तो सुरेंद्र यादव का कार्यकाल एक साल पहले ही पूरा हो गया था। बता दें कि उनके रिटायरमेंट की तारीख 30 सितंबर, 2019 थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी विध्वंस केस की सुनवाई पूरी करने और इस पर फैसला सुनाने के लिए उनके कार्यकाल को एक साल का विस्तार दे दिया था।

एक और बात गौर करने वाली है कि सुरेंद्र कुमार यादव (Judge Surendra Kumar Yadav) का अयोध्या कनेक्शन काफी पुराना रहा है। उनकी पहली तैनाती अयोध्या में ही हुई थी। बाबरी विध्वंस 6 दिसंबर, 1992 को हुआ था। इससे दो साल पहले 8 जून, 1990 को ही सुरेंद्र कुमार यादव ने बतौर मुनसिफ अपनी न्यायिक सेवा की शुरुआत की थी।

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सुरेंद्र कुमार यादव (Judge Surendra Kumar Yadav) की पहली नियुक्ति अयोध्या में हुई थी और साल 1993 तक वे यहां रहे थे। यानी अयोध्या में जब कारसेवकों और बीजेपी के बड़े नेताओं की मौजूदगी में बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया गया था, उस वक्त सुरेंद्र कुमार यादव की पोस्टिंग भी अयोध्या में ही थी।