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26/11 मुंबई हमला: इस अमेरिकी सैनिक ने बचाई थी कई लोगों की जान, जानें बहादुरी की बेमिसाल कहानी

26/11 Mumbai Attack: अचानक गोलियों की आवाज से सब सहम गए क्योंकि ताजमहल पैलेस में लोगों के चीखने और चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं। ऐसे में रवि के भाई का उनके पास फोन आया, तब रवि को पता लगा कि होटल में आतंकी हमला हुआ है।

नई दिल्ली: आज मुंबई में 26 नवंबर 2008 (26/11 Mumbai Attack) को हुए आतंकी हमले की 12वीं बरसी है। 2008 में इसी दिन पाकिस्तान से समुद्र के रास्ते आए 10 आतंकियों ने मुंबई में भारी हिंसा की थी, जिससे पूरा देश हिल गया था।

इस हमले में कई जानें गई थीं और करीब 157 लोगों को बचा लिया गया था। इंडिया टाइम्स के मुताबिक, हमले के दिन अमेरिकी मरीन कैप्टन रवि धर्निधरका भी मुंबई में ही थे। हमले के दिन वह अपने भाई और चाचा के साथ ताजमहल पैलेस गए थे। 20वीं मंजिल पर बने लेबनानी रेस्तरां में उनका रात के डिनर का प्रोग्राम था।

लेकिन अचानक गोलियों की आवाज से सब सहम गए क्योंकि ताजमहल पैलेस में लोगों के चीखने और चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं। ऐसे में रवि के भाई का उनके पास फोन आया, तब रवि को पता लगा कि होटल में आतंकी हमला हुआ है।

26/11 मुंबई हमले के 12 साल, जिसे याद करके आज भी लोगों का दिल दहल उठता है

लेकिन रवि अकेले अपनी जान बचाने के लिए नहीं भागे क्योंकि उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का अहसास था। वह हाल के लोगों को दूसरी तरफ ले गए और हॉल का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। उन्होंने दरवाजे पर सोफे भी लगा दिए, जिससे आतंकी अंदर ना घुस सकें।

इसके बाद रवि ने लोगों को वहां से निकालने के लिए प्लान बनाया और लोगों से उनके जूते उतरवाए और सबके फोन भी बंद करवा दिए। इसके बाद रवि ने अपनी सूझ बूझ से हॉल में मौजूद लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।