Kargil War 1999: बलिदान और त्याग के बाद हमें यह जीत हासिल हुई थी। युद्ध में गाजियाबाद के मॉडल टाउन निवासी कर्नल अनुराग त्यागी (Colonel Anurag Tyagi) ने बतौर लेफ्टिनेंट हिस्सा लिया था।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में भीषण लड़ाई लड़ी गई थी। इस युद्ध में दुश्मनों को बुरी तरह से हराया गया था। भारतीय सेना (Indian Army) के वीर सपूतों ने दुश्मनों को हर मोर्चे पर विफल साबित करने के लिए हर मुश्किल चुनौती का सामना किया था।
भारतीय सेना के 527 जवान इस युद्ध में शहीद हुए थे, जबकि 1,300 से ज्यादा जवान घायल हुए थे। इस बलिदान और त्याग को सहने के बाद ही यह जीत हासिल हुई थी। युद्ध में गाजियाबाद के मॉडल टाउन निवासी कर्नल अनुराग त्यागी (Colonel Anurag Tyagi) ने बतौर लेफ्टिनेंट हिस्सा लिया था।
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उन्होंने युद्ध के दिनों के दौरान अपने अनुभव को साझा किया है और वह बताते हैं कि जवानों ने जो बहादुरी दिखाई थी, उसकी कोई मिसाल नहीं। वह बताते हैं कि युद्ध के दौरान कई बार मौत उनके बहुत करीब से गुजरी, लेकिन फिर भी कदम नहीं डगमगाए। इस युद्ध ने ऑपरेशन विजय का ऐसा हल्ला किया था जिसकी गूंज पूरे विश्व में गूंज उठी थी।
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वह बताते हैं, “कारगिल की बात होती है तो सिर्फ और सिर्फ सैनिकों को पराक्रम और बहादुरी के ही चर्चे याद आते हैं। मेरे लिए भी यह गौरव की बात थी कि मैं भी इसका हिस्सा रहा था। इससे सैनिकों का ही नहीं बल्कि आम आदमी का सीना भी गर्व से चौड़ा हो जाता है। मेरे जैसे अन्य जवानों के चेहरों पर भी कारगिल विजय खुशी साफ दिखती है।” इस जंग में गाजियाबाद के भी कई सैनिकों ने वीरता दिखाई थी और देश का गौरव बढ़ाया था।
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