भारत को मिलेगा दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार, दुश्मन की हर वार को कर सकता है नाकाम

रूस (Russia) के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन रोमन बबुश्किन ने 17 जनवरी को कहा कि भारत को सभी S-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों की अपूर्ति 2025 तक कर दी जाएगी।

S-400 Air Defense System

रूस (Russia) के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन रोमन बबुश्किन ने 17 जनवरी को कहा कि भारत को सभी S-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों की अपूर्ति 2025 तक कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि भारत को दी जाने वाली S-400 मिसाइलों का निर्माण शुरू हो गया है। बता दें कि यह पूरी डील करीब 5 अरब डॉलर की है।

Russia
S-400 मिसाइल (फाइल फोटो)।

रूस (Russia) का यह मिसाइल सिस्टम दुनिया की सबसे अच्छी रक्षा प्रणालियों में से एक है और यह भारतीय सुरक्षा के लिए अच्छा काम करेगा। गौरतलब है कि इस डील का अमेरिका ने काफी विरोध किया था। S-400, S-300 का ही एडवांस वर्जन है। S-400 पहले रूस के रक्षा बलों के ही पास थी। इसका निर्माण अल्माज-एंते करता है और यह 2007 से रूस के बेड़े में शामिल है। बता दें कि S-400 खरीदने वाला भारत तीसरा देश है। चीन ने भी रूस (Russia) से इसे खरीदा है। 

यह मिसाइल सिस्‍टम अपने आप में बेजोड़ है। इसका पूरा नाम S-400 ट्रायम्फ है, जिसे नाटो देशों में SA-21 ग्राउलर के नाम से पुकारा जाता है। यह लंबी दूरी का जमीन से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है, जिसे रूस (Russia) ने बनाया है। S-400 का सबसे पहले साल 2007 में उपयोग हुआ था। इस एक मिसाइल सिस्टम में कई सिस्टम एक साथ लगे होने के कारण इसकी सामरिक क्षमता काफी मजबूत मानी जाती है। इसकी मारक क्षमता अचूक है क्योंकि यह एक साथ तीन दिशाओं में मिसाइल दाग सकता है।

400 किमी के रेंज में एक साथ कई लड़ाकू विमान, बैलिस्टिक, क्रूज मिसाइल और ड्रोन पर यह हमला कर सकता है। S-400 मिसाइल सिस्टम से भारत को रक्षा कवच मिल जाएगा। यह किसी भी मिसाइल हमले को नाकाम कर सकता है। इस सिस्टम से भारत पर होने वाले परमाणु हमले का भी जवाब दिया जा सकेगा। यह डिफेंस सिस्टम भारत के लिए चीन और पाकिस्तान की न्यूक्लियर सक्षम बैलिस्टिक मिसाइलों से कवच की तरह काम करेगा। इतना ही नहीं, यह सिस्टम पाकिस्तान की सीमा में उड़ रहे विमानों को भी ट्रैक कर सकेगा।

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