सुरैया: देवानंद से की बेइंतहा मोहब्बत, उनकी याद में आजीवन रहीं कुंवारी

सुरैया (Suraiya) की खूबसूरती के चर्चे भला कहां नहीं थे, कोई उनकी आंखों की तारीफ करता था तो कोई उनकी हंसी की तारीफ करता था। ऐसा कहते हैं कि फिल्मों में आने से पहले धर्मेंद्र सुरैया के इतने जबरदस्त दीवाने थे।

Suraiya

Suraiya Birth Anniversary

Suraiya Birth Anniversary: हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कुछ कलाकार ऐसे भी हुए हैं जिनकी याद के निशान वक्त भी धुंधला नहीं कर सका है। 40-50 के दशक में ऐसी ही एक स्टार थीं, अपने जमाने की सबसे हसीन अभिनेत्री और गायिका सुरैया (Suraiya)। आज इनका जन्मदिन है। हिंदी फ़िल्मों में अपार लोकप्रियता हासिल करने वाली सुरैया उस पीढ़ी की आख़िरी कड़ी में से एक थीं जिन्हें अभिनय के साथ ही प्लेबैक सिंगिंग में भी महारत हासिल थी। 1948 से 1951 तक तीन सालों के दौरान सुरैया ऐसी महिला कलाकार थीं, जिन्हें बॉलीवुड में सबसे ज्यादा पैसा दिया जाता था। हिन्दी फ़िल्मों में 40 से 50 का दशक सुरैया के नाम रहा। उनकी लोकप्रियता का आलम यह था कि उनकी एक झलक पाने के लिए उनके प्रशंसक उनके घर के सामने घंटों खड़े रहते थे और यातायात जाम हो जाता था।

सुरैया (Suraiya) का जन्म 15 जून, 1929 को गुजरांवाला, पंजाब में हुआ था। वह अपने माता पिता की इकलौती संतान थीं। उनका पूरा नाम सुरैया जमाल शेख़ था। जब वह 1 साल की थीं, तब उनका परिवार मुंबई आकर बस गया था। नाज़ों से पली सुरैया ने हालांकि संगीत की शिक्षा नहीं ली थी लेकिन आगे चलकर उनकी पहचान एक बेहतरीन अदाकारा के साथ एक अच्छी गायिका के रूप में भी बनी। सुरैया ने अपने अभिनय और गायकी से हर कदम पर दर्शकों का दिल जीता। उन्हें अपनी नार्थ इंडियन मुस्लिम अदाकारी के लिए जाना जाता था। सुरैया को ‘मलिका-ए- हुस्न’ (Queen of Beauty), ‘मलिका-ए- तरन्नुम’ (Queen of Melody) और ‘मलिका-ए- अदाकारी’ (Queen of Acting) जैसे उपनाम मिले हुए थे। बतौर बाल कलाकार वर्ष 1937 में उनकी पहली फिल्म ‘उसने सोचा था’ प्रदर्शित हुई।

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