सत्यजीत राय के पास खुद चलकर आया था ऑस्कर, जीते थे 32 नेशनल अवॉर्ड

यथार्थवादी धारा की फिल्मों को नई पहचान दिलाने वाले सत्यजीत राय (Satyajit Ray) बीसवीं सदी के विश्व की महानतम फिल्म हस्तियों में एक थे, जिन्हें सर्वोत्तम फिल्म निर्देशकों में शुमार किया जाता है।

Satyajit Ray

सत्यजीत राय (Satyajit Ray) सिर्फ फिल्मकार ही नहीं थे। रवींद्रनाथ ठाकुर की तरह उनमें भी एक साहित्यकार, चित्रकार, छायाकार, संगीतज्ञ और चिंतक के गुण मौजूद थे। उन्होंने बांग्ला उपन्यासों और कहानियों पर आधारित कई फिल्में बनाई। उनकी पहली फिल्म विभूति भूषण बंद्दोपाध्याय के उपन्यास पाथेर पांचाली पर आधारित थी।

यथार्थवादी धारा की फिल्मों को नई पहचान दिलाने वाले सत्यजीत राय (Satyajit Ray) बीसवीं सदी के विश्व की महानतम फिल्म हस्तियों में एक थे, जिन्हें सर्वोत्तम फिल्म निर्देशकों में शुमार किया जाता है।  सत्यजित राय का जन्म 2 मई 1921 में कोलकाता में हुआ था। सत्यजीत राय (Satyajit Ray) ने कहीं से भी फिल्म निर्माण की शिक्षा नहीं ली थी बल्कि उन्होंने तत्कालिन अमेरिकन फिल्में देख-देख कर फिल्म निर्माण की बारीकियां सीखी और बाद में अमेरिकन के साथ-साथ दुनिया के तमाम बड़े निर्माता-निर्देशक सत्यजीत राय (Satyajit Ray) की फिल्मों के मुरीद बन गए।

भारतीय सिनेमा को अंतर्राष्ट्रीय फिल्म जगत के शिखर तक पहुंचाने वाले महान डायरेक्टर थे सत्यजीत

सत्यजीत राय (Satyajit Ray) ने ही भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की किताब ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ और जिम कॉर्बेट की ‘मैन ईटर्स ऑफ कुमाऊं’ के कवर को डिजाइन किया था। भारत सरकार ने फिल्म निर्माण के क्षेत्र में विभिन्न विधाओं के लिए सत्यजित को 32 राष्ट्रीय पुरस्कार, 1985 में उन्हें हिंदी फिल्म उद्योग के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1992 में उन्हें भारत रत्न भी मिला और ऑस्कर भी दिया गया। 23 अप्रैल 1992 को दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनका निधन हो गया।

सत्यजीत राय के जीवन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

1. विश्व सिनेमा जगत में चमचमाने वाले नक्षत्र थे सत्यजीत रे
2. दुनिया के तमाम बड़े निर्माता-निर्देशक सत्यजीत की फिल्मों के मुरीद
3. 2 मई, 1921 को कोलकाता में इस ध्रुव तारे का उदय हुआ
4. पेशेवर चित्रकार के तौर पर की करियर की शुरुआत
5. फ्रांसीसी फिल्म डायरेक्टर जां रन्वार से मुलाकात के बाद फिल्मों की ओर हुआ रुझान
6. लंदन में इतावली फिल्म ‘बाइसिकिल थीव्ज़’ देखने के बाद मिली फिल्म बनाने की प्रेरणा
7. अमेरिकी फिल्में देखकर निर्देशन-छायांकन की बारीकियां सीखी
8. सत्यजीत ने बांग्ला साहित्य के विषय-वस्तुओं का अपनी फिल्मों में कलात्मक इस्तेमाल किया
9. कम शब्दों में किसी भी घटना के सही अर्थ को फिल्म के माध्यम से प्रस्तुत करने की अद्भुत क्षमता
10. भूषण बंद्दोपाध्याय के उपन्यास पर आधारित थी उनकी पहली फिल्म ‘पाथेर पांचाली’
11. सत्यजीत की पहली ही फिल्म ‘पाथेर पांचाली’ ने 12 अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीतकर कीर्तिमान स्थापित किया
12. मुंशी प्रेमचंद की कहानी पर आधारित थी सत्यजीत की पहली हिंदी फिल्म ‘शतरंज के खिलाड़ी’
13. हिंदी सिनेमा के एक्टर नसीरुद्दीन शाह और नाना पाटेकर सबसे ज्यादा पसंद
14. पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की किताब ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ का कवर डिजाइन किया
15. भारत सरकार ने सत्यजीत रे को फिल्म के अलग-अलग क्षेत्रों 32 राष्ट्रीय पुरस्कार दिए हैं
16. हिंदी फिल्म उद्योग के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित
18. सत्यजीत को फिल्म निर्माण के लिए ‘ऑस्कर लाइफ टाइम अचीवमेंट’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया
19. 23 अप्रैल, 1992 को सिनेमा का ये प्रभोज्जवल नक्षत्र सदा के लिए तिरोहित हो गया
20. भारतीय सिनेमा के युगपुरुष सत्यजीत रे को भारत सरकार ने 1992 में मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से नवाजा

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