अकबर की सेना को तीन बार रौंदने वाली रानी, दुश्मनों के लिए साक्षात दुर्गा का अवतार थीं दुर्गावती

रानी दुर्गावती (Rani Durgavati) की दृढ़ता, शासन करने की शैली तथा प्रजा-रंजन बादशाह अकबर को भी चिढ़ाता था। एक विधवा रानी का सुयोग्य शासन उसे खटक रहा था। अकबर ने संदेश भेजा कि रानी, पिंजरे में कैद हो जाओ, तभी सुरक्षित रहोगी और वह पिंजरा होगा, मुगल बादशाह अकबर का।

Rani Durgavati

Rani Durgavati

Remembering Rani Durgavati: हमारे समाज में सदियों से महिलाओं का कार्यक्षेत्र उनका घर माना जाता है। महिलाओं का मुख्य दायित्व संतान उत्पत्ति, लालन-पालन और घर की जिम्मेदारियों को संभालना ही रहा है। पुरुषों के व्यक्तित्व निर्माण में सबसे बड़ा योगदान इन्हीं महिलाओं का रहा है। जाहिर है, यदि हम महिलाओं को मानव जाति का शिल्पकार कहें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। क्योंकि हमारे प्रकृति ने महिलाओं को शक्ति और प्रतिभा संपन्न बनाया है। लेकिन घरों की जिम्मेदारी निभाते-निभाते ये महिलाएं मां और पत्नी के रूप में सिमट कर ही रह गई हैं। महिलाओं को मौका ही नहीं मिला कि वो अपने इस दायरे से बाहर निकलें। लेकिन इतिहास गवाह है कि जब भी जरूरत पड़ी तब ये महिलाएं ही हैं जो घरों की चारदिवारियों से बाहर आकर ऐसे महान काम किए जिसे देखकर दुनिया भी चकित रह जाती है। एक ऐसी ही वीरांगना आज से लगभग चार सौ वर्ष पहले भी हुई थीं। जिन्होंने वीरता और युद्ध में राजपूत राजाओं से अधिक साहस और योग्यता दिखलाई।

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