
पंडित मुखराम शर्मा के नाम से चलती थीं फिल्में।
स्क्रिप्ट राइटर का नाम कम ही लोगों की जुबान पर आता है। लेकिन 60 और 70 के दशक में एक लेखक ऐसे हुए जिन्होंने बॉलीवुड में लेखकों को पहचान दिलाई। वो थे पंडित मुखराम शर्मा (Pandit Mukhram Sharma)। ′औलाद′, ′एक ही रास्ता′, ′साधना′, ′धूल का फूल′, ′वचन’, दुश्मन′, ′अभिमान′ और ′संतान′ आदि हिट फिल्मों की कथा-पटकथा, संवाद लेखक पंडित जी का नाम फिल्मों के पोस्टर पर ‘पंडित मुखराम शर्मा की फिल्म’ लिखा कर छपता था।
सिनेमाघरों में फिल्म आरम्भ होने पर पंडित मुखराम शर्मा की फिल्म के साथ फ़िल्म का टाइटल लिखा जाता था। पंडित मुखराम शर्मा ने बॉलीवुड में लेखक के काम को प्रतिष्ठा दिलाई। उनकी लिखी हिट फिल्मों की बदौलत उनका नाम इतना प्रसिद्ध हो गया कि फिल्म के क्रेडिट में उसे प्रमुखता दिया जाने लगा।
देहरादून के आर्मी संस्थान में तैयार होते हैं भारत के शूरवीर, देखें: “मेकिंग ऑफ ए वॉरियर”
उनके नाम से दर्शक सिनेमाघर की ओर खिंचे चले आते थे। इतनी शोहरत पाने के बावजूद वह सादा जीवन और उच्च विचार में यकीन रखते थे। उन्होंने तय कर रखा था कि 70 साल की उम्र के बाद बॉलीवुड को अलविदा कह देंगे और 1980 में उन्होंने यही किया। खास बात यह रही कि पंडित मुखराम शर्मा (Pandit Mukhram Sharma) की लिखी अंतिम दो फिल्में ′नौकर′ और ′सौ दिन सास के′ भी सुपर-डुपर हिट रहीं।
देखें वीडियो-
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App