
आज जलियांवाला बाग हत्याकांड की 100वीं बरसी है। इस मौके पर जलियांवाला बाग के सभी शहीदों को नमन। ठीक सौ साल पहले आज ही के दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में वो दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी जिसे इतिहास का काला अध्याय कहा जाता है। 13 अप्रैल, 1919 को हुआ जलियांवाला बाग हत्याकांड दुनिया के सबसे बड़े नरसंहारों में शामिल है। इस हादसे ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर सबसे अधिक प्रभाव डाला था। इस हादसे के बाद पूरे राष्ट्र में देशभक्ति की एक ऐसी लहर दौड़ पड़ी थी जो आगे चलकर अंग्रेज सरकार के ताबूत की आखिरी कील साबित हुई। आखिर क्यों हुआ था जलियांवाला बाग हत्याकांड? कौन-कौन लोग हुए थे शहीद, किसने रची थी साजिश? कौन थे जलियांवाला बाग के नायक और कौन था खलनायक?
सुनिए जलियांवाला बाग़ हत्याकांड की पूरी कहानीः
1997 में ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ ने इस स्मारक पर आकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी थी। 2014 में जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन भारत आए थे तो वह भी इस स्मारक पर गए थे। वहां विजिटर्स बुक में उन्होंने लिखा था, “ब्रिटिश इतिहास की यह एक शर्मनाक घटना थी।” अभी तीन दिन पहले 10 अप्रैल, 2019 को ब्रिटेन की पीएम थेरेसा मे ने ब्रिटिश संसद में जलियांवाला बाग हत्याकांड के लिए खेद जताया है। थेरेसा मे ने इस घटना के लिए गहरा अफसोस व्यक्त किया।
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