Terrorism

सेना की जवाबी कार्रवाई में एक आतंकवादी (Militant)  मारा गिराया गया और वहीं दूसरी तरफ पुलवामा के ही बेगपुरा इलाके में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच एक और एनकाउंटर शुरू हो गई जिसमें हिजबुल मुजाहिदीन का कुख्यात आतंकी रियाज नायकू उर्फ मोहम्मद-बिन-क़ासिम को आज तड़के ही मार गिराया गया। 

1990 के दशक में अफगानिस्तान व पाकिस्तान के आतंकियों (Militants) ने यहां पर अपने बंकर निर्मित कर लिए थे। तब सूरतेहाल यह थे कि समूचे इलाके में आतंकी तालिबान शैली में कंधे पर यूबीजीएल व अन्य घातक हथियार लेकर घूमते–फिरते थे।

आईएसआई (ISI) आतंकियों (Terrorists) को घुसपैठ करा कर पूरे भारत में आतंकी हमला अंजाम देने का प्रयास कर रहा है। लिहाजा कुछ महीनों में न सिर्फ आतंकी हमले (Terror Attack) करने की साजिश में इजाफा हुआ है बल्कि संघर्ष विराम उल्लंघन की घटना में भी वृद्धि हुई है।

पल्लवी ने कहा कि कहीं ना कहीं अंदेशा था कि चीजें बहुत अच्छी नहीं हो रही हैं‚ क्योंकि उनसे (Martyr Col Ashutosh Sharma) कॉन्टेक्ट नहीं हो पा रहा था। हमारी शादी को 16 साल हो गए हैं। इतने सालों में आर्मी की ड्यूटी में पता चल जाता है कि अगर संपर्क नहीं हो पा रहा है तो मतलब है कि वे किसी ऑपरेशन में हैं। तब चिंता भी होती है।

सीआरपीएफ (CRPF) के जवानों ने जब जवाबी गोलीबारी की तो दोनों पक्षों के बीच एक संक्षिप्त मुठभेड़ हुई। उन्होंने बताया कि इस गोलीबारी में 15 साल का एक किशोर मोहम्मद हाजिम भट भी मौके पर मारा गया। उन्होंने बताया कि वह कथित रूप से मानसिक रूप से विकलांग था।

I learnt that Jamat-e-Islami is a key element of the Kashmir separatist movement. Processions being extremely vital means for keeping the sentiment alive, ensuring that the cause is seen as just, inciting youth for joining militancy and above all for attaching the element of honour with Jihad. These are funded by Pakistan, local religious bodies and even business community that owes, is forced or coerced to submit allegiance to the cause.

अब मेरी जिज्ञासा इस ओर परिवर्तित हो गई कि आखिर ये सब करने के लिए इन ठेकेदारों को पैसे कौन दे रहा है और क्यों? तब मुझे पता चला कि जमात-ए-इस्लामी कश्मीरी अलगाववादियों के आंदोलन का एक महत्वपूर्ण अंग है।

हंदवाड़ा इलाके में 5-6 आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद शुक्रवार से ही  सुरक्षाबलों ने हंदवाड़ा के चांजमुल्ला इलाके में सघन तलाशी अभियान चलाया था। इसी दौरान आतंकियों ने इनपर फायरिंग शुरू कर दी। जिसके बाद से ही इन पांचों जवानों की कोई सूचना नहीं मिली थी।

सुरक्षाबलों के ऑपरेशन में जवानों ने तीन आतंकवादी (Militants) को मार गिराया। मारे गए इन आतंकवादियों में अंसार गजवातुल हिंद का मुखिया भी शामिल है। सेना के अधिकारियों के अनुसार इस मुठभेड़ के दौरान सेना का एक अधिकारी भी घायल हो गया है जिसका इलाज सेना अस्पताल में चल रहा है। 

सैनिक साजो–सामान पर सबसे अधिक खर्च करने के मामले में अमेरिका दुनिया में सबसे आगे रहा है। अमेरिका ने 2019 में 732 अरब डॉलर का सैन्य खर्च (Military Spenders) किया जो 2018 के तुलना में 5.3 प्रतिशत अधिक है।

लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान संदिग्धों की मूवमेंट की सूचनाओं ने किसी भी प्रकार की गड़बडि़यों की आशंका को गहरा किया है। हालांकि‚ सेना‚ अर्द्धसैनिक बल तथा राज्य पुलिस मौजूदा वक्त में पूरी तरह मुस्तैद दिखाई देती है।

कुलगाम जिले के गुड्डर इलाके में भारतीय सेना के जवानों, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), पुलिस और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ (Encounter) में चार आतंकवादी मारे गए हैं।

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण भारत में जब से लॉकडाउन की शुरुआत हुई है तब से जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में पाकिस्तान पोषित सीमा पार से आतंकी गतिविधियां बहुत तेज हो गईं हैं।

श्रीनगर से मिली रिपोर्ट का हवाला देते हुए अधिकारियों ने बताया कि सेना की खुफिया इकाई ने सूचना दी है कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों– हिज्बुल मुजाहिद्दीन एवं लश्कर ए तैयबा के करीब 300 आतंकवादी सीमा पार से घाटी में घुसपैठ करने के इंतजार में हैं।

आतंकियों (Terrorists) ने हमला तब किया जब सोपोर के अहद बाबा के पास चेकिंग प्वाइंट पर सीआरपीएफ और पुलिसकर्मी नियमित जांच कर रहे थे। इसी दौरान घात लगाकर आतंकियों ने इन जवानों और बुलेटप्रूफ वाहनों को निशाना बनाते हुए हमला बोल दिया।

पूरी रात चली इस सर्च ऑपरेशन को सफलता तब मिली जब तड़के सुबह करीब साढ़े छह बजे आतंकियों (Terrorists) ने सर्च टीम पर फायरिंग शुरू कर दी।

आईएसआई (ISI) भारतीय सैनिकों में कोरोना (Coronavirus) फैलाकर उन्हें संक्रमित करना चाहता है और इसके लिए उसने सीमा पार सात कोरोना फिदायीन दस्ते  को तैयार कर रखा है,

यह भी पढ़ें