Suchitra Mahto

सुचित्रा के अनुसार महिलाओं को कभी उनकी ख़ुद की पहचान से नहीं देखा जाता है। महिलाएं युद्ध में दोनों तरफ से पिसती हैं। एक सैनिक के तौर पर भी और एक साधारण औरत के तौर पर भी।

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