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भारतीय सेना (Indian Army) ने कहा, 'कोष को उन नागरिकों के लिए खोला गया था जो घायल जवानों और उनके परिजनों की मदद करना चाहते हैं।'

अब तक पैम्पलेट्स, चिट्ठी और प्रेस रिलीज़ के जरिए संवाद करने वाले नक्सली सोशल मीडिया पर उतर आए हैं। व्हॉट्सऐप (WhatsApp) उनका नया औज़ार बन गया है।

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