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नक्सली अभय की शादी 6 माह पहले ही हुई थी और शादी के बाद से ही पत्नी उसे लगातार समझाती रही कि सरेंडर कर दीजिये नहीं तो मुठभेड़ में मारे जायेंगे।

दर्जनों की संख्या में पहुंचे नक्सलियों (Naxalites) ने पिपरवार गांव में सड़क निर्माण कार्य कर रही श्री राम कंस्ट्रक्शन की मशीनों और सामानों में पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दिया।

क्सलियों (Naxalites) ने सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए इन बैनर-पोस्टरों के नीचे आईईडी बम को प्लांट कर रखा था। जैसे ही एक पुलिसकर्मी ने उसे हटाने की कोशिश की, वैसे ही आईईडी का ट्रिगर दब गया और जबरदस्त विस्फोट हो गया।

सरेंडर करने वाली महिला नक्सली ने संगठन में बड़े नक्सली नेताओं की मनमानी, शोषण, उदासिनता के अलावा बाहरी राज्यों के नक्सलियों को प्राथमिकता देने जैसी घटनाओं से तंग आकर पुलिस के सामने अपने हथियार डाल दिये।

दोपहर करीब एक बजे 8 वर्दीधारी हथियारबंद नक्सलियों (Naxalites) का एक समूह घटनास्थल पर पहुंचा और काम बंद करने की धमकी देकर निर्माण कार्य में लगे पांच वाहनों को जलाकर राख कर दिया।

मुठभेड़ थमने के बाद घटनास्थल की छानबीन के दौरान सुरक्षाबलों को नक्सल कैंप से भारी मात्रा में बारूद, आईईडी में इस्तेमाल होने वाली बैट्री, पाइप, नक्सली वर्दी, बैनर-पोस्टर व अन्य दैनिक इस्तेमाल की सामग्री बरामद की है।

सुरक्षाबलों की टीम ने बासागुड़ा थानाक्षेत्र से कुख्यात नक्सली लच्छ हिड़मा को भी गिरफ्तार कर लिया। इसके खिलाफ भी पुलिस टीम पर फायरिंग और अपहरण सहित कुल तीन मामले दर्ज हैं।

मुठभेड़ के बाद घटनास्थल के सर्च ऑपरेशन के दौरानएक नक्सली का शव, एक पिस्टल, पांच किलोग्राम वजनी बारूदी सुरंग, एक नक्सली वर्दी और अन्य सामान बरामद किया गया।

घटनास्थल की छानबीन के दौरान सुरक्षाबलों को दो महिला नक्सलियों (Naxalites) के शव के साथ 12 बोर की एक बंदूक, एक नौ एमएम की पिस्तौल, कार्डेक्स वायर, विस्फोटक सामग्री और माओवादी से जुड़े अन्य सामान बरामद हुये।

पुलिस टीम ने घटनास्थल से एक नक्सली पर्चा भी बरामद किया है जिसमें नक्सलियों (Naxalites) ने जवान की हत्या की जानकारी दी है। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर अपनी छानबीन शुरू कर दी है।

लोन वर्राटू अभियान के तहत अकेले दंतेवाड़ा में ही 130 इनामी नक्सली सहित करीब सवा पांच सौ नक्सलियों ने हथियार छोड़ सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है।

खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के बाद सुरक्षाबलों की टीम गठित कर जिले के अरनपुर थानाक्षेत्र के बुरगुम इलाके में छानबीन के लिए भेजा गया। इसी दौरान जंगल में घात लगाये बैठे नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी।

एक पुलिया के निर्माण कार्य के दौरान ही ग्रामीणों की वेषभूषा में आये कुछ नक्सलियों (Naxalites) ने वहां काम पर लगे इंजीनियर अशोक पवार और राज मिस्त्री को अगवा कर लिया।

25 वर्षीय नक्सली मंगलू पोयाम (Naxalite) ने शनिवार को पुलिस के सामने हथियार डाल दिये। उसने नक्सलियों की खोखली विचारधारा और प्रशासन द्वारा दिये जा रहे पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर हिंसा का रास्ता छोड़ा है।

इस घटना में सीआरपीएफ 168वीं बटालियन के सहायक कमांडेंट एस बी टिर्की शहीद हो गये, जबकि अप्पा राव नाम का एक जवान घायल हो गया। फिलहाल पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है।  

सभी नक्सलियों ने दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी और सीआरपीएफ के डीआईजी विनय कुमार सिंह की मौजूदगी में अपने हथियार डाल दिये इनके खिलाफ जवानों के खिलाफ हमले सहित कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।

डिकेएमएस का अध्यक्ष व एक लाख का इनामी कुख्यात नक्सली मंगडू उर्फ मंगल सोढ़ी ने अपने दो साथियों सुक्का उर्फ केदार मंडावी और जोगा मडकाम के साथ सरेंडर कर दिया है।

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