नवजात बेटे को भी सेना में भेजने का सपना है शहीद की विधवा का
पति की शहादत का जख्म अभी भरा ही नहीं था कि नवजात बच्चे को भी आगे चलकर भविष्य में सेना में भेजने की बात बड़े गर्व से कर रही हैं। यही तो सच्ची राष्ट्रभक्ति है।
“हमें सरहद पर लड़ने भेज दो, मर गए तो शहीद का दर्जा देना, लौट आए तो जेल में डाल देना”
जो लोग खुद कैद में हों, अपने किसी गुनाह की सजा काट रहे हों, लेकिन अगर देश पर आंच आए तो वे भी उठ खड़े हो जाएं। देश के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर विपदा में ढाल बन जाएं। ऐसा तो हिंदुस्तान में ही हो सकता है।
पुलवामा के शहीदों के लिए स्टेट बैंक और क्रेडाई का बड़ा ऐलान
एसबीआई ने उन परिवारों को राहत देने के लिए छोटा सा कदम उठाया है, जिन्होंने अपनों को खोया है। बैंक ने भारत के वीरों के लिए यूपीआई भी बनाया ताकि लोग उनकी मदद के लिए आसानी से योगदान दे सकें।
हिंदुस्तान का ताना-बाना तोड़ सके ऐसा कोई हथियार नहीं, देश जितना ही बड़ा है हिंदुस्तानियों का दिल
यही तो इस मुल्क की खूबसूरती है, यही तो यहां की परम्परा और संस्कृति रही है। लोग अपने दुखों को भूल कर हमेशा दूसरों के दुख-दर्द में शामिल हो जाते हैं।
Pulwama Attack: छुट्टी हो गई थी मंजूर, पर लौटकर वापस नहीं आए सुदीप
जम्मू से कश्मीर के लिए रवाना होने से पहले बबलू सांतरा ने अपनी पत्नी को फोन किया था। उन्होंने कहा था कि एक घंटे के बाद वह कश्मीर पहुंच जाएंगे। उसके बाद फिर पत्नी को फोन करेंगे लेकिन दोबारा फोन तो जरूर आया लेकिन बबलू का नहीं बल्कि CRPF का जिसमें उनके शहीद होने की खबर आई।
फॉरेंसिक जांच में पुलवामा हमले को लेकर बड़ा खुलासा
रिपोर्ट के मुताबिक इसे तैयार करने के लिए पाकिस्तान से प्रशिक्षित आतंकी भारत आए थे। इतना ही नहीं हमले से कुछ वक्त पहले ही आतंकियों ने इसमें ट्रिगर, स्विच, डेटोनेटर और पावर फ्यूज लगाया गया था।
Pulwama Attack: गर्भवती पत्नी और दिव्यांग बहन को बेसहारा छोड़ गए सिवाचंद्रन
सिवाचंद्रन का दो साल का एक बेटा है। उनकी पत्नी चार माह की गर्भवती हैं। इनके घर में अब कमाने वाला कोई नहीं है। सिवाचंद्रन के छोटे भाई की पिछले साल करंट लगने से मौत हो गई थी। उनकी बहन बोल नहीं सकतीं। वह अभी अविवाहित हैं। पूरे परिवार की जिम्मेदारी सिवाचंद्रन के कंधों पर ही थी।
आतंकवाद पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति, कामरान का सफाया है सबूत
पुलवामा के मास्टरमाइंड कामरान को मारकर सुरक्षा बलों ने शुरुआती बदला लेकर साफ कर दिया है कि अब तो आतंकवाद पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति ही चलेगी।
दो दिन में उत्तराखंड की माटी ने खोए अपने दो वीर सपूत
मेजर ढौंडियाल की मां दिल की मरीज हैं। इसलिए उन्हें इस बारे में नहीं बताया गया था। बस इतना कहा गया था कि विभूति घायल हैं। उन्हें सबसे आखिर में बेटे की शहादत की सूचना दी गई।
अगले महीने ही होनेवाली थी मेजर बिष्ट की शादी
शहीद मेजर चित्रेश सिंह बिष्ट 7 मार्च को होनेवाली अपनी शादी के लिए 28 फरवरी को घर आने वाले थे। आतंकवाद का दिया इससे बड़ा ज़ख्म और क्या हो सकता है। परिवार जहां बेटे के शादी में आने का इंतज़ार कर रहा था, आज पार्थिव शरीर का इंतज़ार कर रहा है।
Pulwama Attack: आखिरी बार पति का फोन भी नहीं उठा पाई और आ गई शहादत की खबर
कविता को गुरू का फोन आया था लेकिन वे उठा नहीं पाई थीं। जब उन्होंने वापस फोन किया तो गुरू का फोन पहुंच से बाहर आ रहा था। कविता के पास अपने पति से बात करने का आखिरी मौका था। लेकिन उनकी किस्मत में शायद ये था ही नहीं।
Pulwama Attack: कहा था “मेरी फोटो खींच कर रख लो पता नहीं कब बम विस्फोट हो और मैं चला जाऊं…” क्या पता था कि उनकी यह बात सच हो जाएगी
छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर जाते हुए मानेश्वर ने परिवार के लोगों से बातचीत करते हुए कहा था कि मेरी फोटो खींच कर रख लो पता नहीं कब बम विस्फोट हो और मैं चला जाऊं। क्या पता था कि उनकी यह बात सच हो जाएगी।
Pulwama Attack: 6 महीने पहले ही हुआ था पिता का निधन, अब बेटा भी हो गया शहीद
वसंत कुमार के परिवार पर यह दूसरी बार दुखों का पहाड़ टूटा है। वसंत के पिता वासुदेवन का छह माह पहले ही निधन हुआ है। तरक्की और बटालियन में बदलाव के बाद वसंत की कश्मीर में तैनाती हुई थी। इससे पहले वह पंजाब में तैनात थे।
Pulwama Attack: गरीब परिवार का एक मात्र सहारा थे अश्विनी, इसी साल होने वाली थी शादी
अश्विनी का परिवार बहुत ग़रीब है। उनके माता-पिता और तीन भाई दिहाड़ी मजदूरी करके परिवार का खर्च चलाते हैं। इस वर्ष के अंत में उनकी शादी होने वाली थी।
Pulwama Attack: कुछ दिन पहले ही मनाया था बेटी का पहला जन्मदिन
अभी 16 जनवरी को ही मनोज ने बेटी का पहला जन्मदिन मनाया था और छह फरवरी को वे वापस ड्यूटी पर कश्मीर चले गये थे। मनोज ने श्रीनगर पहुंचकर वापस फिर से कॉल करने का वादा किया था।
कश्मीरियों पर हमलेः कृपया तिल को ताड़ ना बनाएं
पुलवामा हमले के बाद और कुछ लोगों को उससे पहले भी ‘हाऊज़ द जोश’ में देशभक्ति के जज्बे की बजाय जिंगोइज्म (कट्टर राष्ट्रवाद) की बू आती थी। अब जब कुछ लोग ‘हाऊज़ द जैश’ की बात कर रहे हैं तो फिर इन लोगों का क्या कहना है।
Pulwama Attack: पुलवामा हमले में यूपी के देवरिया और महाराजगंज के जवान शहीद
सरकार ऐसा कदम उठाए, जिससे दोबारा फिर कभी भी किसी जवान को इस तरह से अपनी जान ना गंवानी पड़े।