Pakistan Army

गिरफ्तार आतंकी (Militant) पीओके में मौजूद टीआरएफ के हैंडलर अहमद खालिद के निर्देश पर जम्मू आया था। इलाके की जानकारी हासिल करने में  इस आतंकी की मदद करने वाले उसके दो साथियों को भी पकड़ने के प्रयास तेज कर दिये गये हैं। 

Indian Army vs Pakistani Army: दोनों देशों के बीच कश्मीर और सियाचिन के मुद्दे पर ही युद्ध लड़े गए हैं। पहला युद्ध आजादी के तुरंत बाद 1948 में लड़ा गया था।

इस मामले में एक पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी समेत दो पाकिस्तान आधारित आतंकियों (Militants) की पहचान हुई‚ जिन्हें नामजद किया गया है‚ इनमें एक व्यक्ति को पहले ही गिरफ्तार किया गया था।

पकड़े गए आतंकियों (Militants) में से तीन को उत्तर प्रदेश‚ दो को दिल्ली और एक को महाराष्ट्र से पकड़ा गया। पुलिस का दावा है कि दबोचे गए आतंकियों में जान मोहम्मद शेख महाराष्ट्र का रहना वाला है।

आईएसआई (ISI) ने पाकिस्तान और पीओके में डॉक्टरी और इंजीनियरिंग की पढ़ाई के नाम पर कई कश्मीरी नौजवानों को कानूनी रास्ते से सरहद उस पार ले जा रहे हैं, जहां उन्हें ट्रेनिंग कैंपों में ले जाया जाता है और हथियारों व गोला-बारूद की ट्रेनिंग दी जाती है।

एलओसी (LoC) के अलावा यदि अंतर्राष्ट्रीय सीमा की बात करें‚ तो जम्मू क्षेत्र में भी सीमा पार आतंकवादियों (Militants) की गतिविधियों में पिछले महीने अचानक बढ़ोतरी देखी गई है

अगस्त के तीसरे सप्ताह के दौरान कंधार में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों (Militants) और तालिबानी लड़ाकों के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी।

India Pakistan First War 1948: पाकिस्तान ने भारत पर पहली बार आक्रमण आजादी के तुरंत बाद किया था। यह आक्रमण कश्मीर के लिए किया गया था।

पंपोर इलाके में कुछ आतंकवादियों (Militants) के छुपे होने की खबर मिली थी। इसके बाद सेना और पुलिस की संयुक्त टीम ने जब चिह्नित क्षेत्र में जब सर्च ऑपरेशन करने गये तो इन आतंकवादियों ने उनपर फायरिंग कर दी।

पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 27 नए आतंकी लॉन्च पैड सक्रिय किए हैं‚ जिससे 15 अगस्त से पहले जम्मू–कश्मीर में घुसपैठ में मदद मिल सके।

एहतियात के तौर पर चंदाजी इलाके में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है और आतंकियों (Militants) के बच निकलने वाले सारे रास्ते को सिल कर दिया है। 

15 लाख के इनामी आतंकी लंबू ने पुलवामा हमले के दौरान कार में आइईडी फिट करने में अहम भूमिका निभाई थी। वहीं दूसरे आतंकी की पहचान 7 लाख के इनामी समीर के रूप में हुई है।

अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के साथ ही तालिबान अफगान सुरक्षाबलों पर भारी पड़ रहे हैं। कंधार के अपने पूर्व गढ़ के साथ ही तालिबान ने एक तिहाई जिलों पर कब्जा करने का दावा किया है। 

आतंकी मीर से की गई पूछताछ के आधार पर उसके चार आतंकी साथियों (Militants) को भी गिरफ्तार किया गया। इन चारों की पहचान जहूर गनी‚ उमर फारूक वानी‚ फैजान कयूम गनी और शाहनवाज अहमद मीर के रूप में की गई है।

यूपी में बीते कुछ दिनों के दौरान इस्लामिक आतंकवाद को नेस्तनाबूद करने को लेकर जो अहम फैसले लिए गये हैं‚ उसने सीमा पार बैठे आतंकियों (Terrorists) के आकाओं को खासा परेशान कर दिया है।

जम्मू एयरपोर्ट के एयरपोर्ट स्टेशन (Air Force Station) पर हमले के लिए लाइट ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। जिसने हमले के लिए एलओसी के नजदीक मंगला से ड्रोन ने उड़ान भरी थी।

पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान (Pakistan) और वहां की जमीन से चलने वाले आतंकी संगठन ड्रोन के जरिए भारत में हथियार, असलहा-बारूद गिराने का काम कर रहे है।

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