Naxalites

जवान एरिया डोमिनेशन के लिए निकले थे, इसी दौरान वह IED की चपेट में आ गए। नक्सलियों (Naxalites) ने जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए ये IED प्लांट की थी।

Naxalites: इस शख्स का नाम नरेश दास है और वह बीते साल नक्सलवाद को छोड़कर मुख्यधारा में लौट आए थे। अब वह मुख्यमंत्री अनुदान पर ऑटो चलाते हैं।

ताजा मामला सुकमा का है। यहां के सिलगेर गांव में नक्सलियों ने पुलिस कैंप पर हमला किया है और गोलीबारी की है। इस गोलीबारी में 3 ग्रामीणों के मारे जाने की खबर मिली है।

नक्सलियों (Naxalites) ने JCB मशीन में आग लगा दी और हवाई फायरिंग भी की। नक्सलियों ने धमकी दी है कि अगर उन्हें लेवी नहीं पहुंचाई गई तो इसका बुरा अंजाम होगा।

ये नक्सली (Naxalites) जमुई-गिरिडीह सीमा क्षेत्र में हुई नक्सली घटना में शामिल रहा है। वह काफी समय से पुलिस के लिए परेशानी बना हुआ था।

नक्सली (Naxalites) का नाम माड़वी भीमा है और वह आगजनी और ठेकेदार से लूटपाट जैसे कई मामलों में आरोपी है। शनिवार को उसे टेटराई के जंगलों से गिरफ्तार किया गया।

दंतेवाड़ा के एसपी अभिषेक पल्लव का बयान भी सामने आया है। उन्होंने बताया है कि नक्सली (Naxalites) नेताओं की हरकत से कई नक्सली परेशान हो गए हैं।

नक्सली अशोक पर 2015 में मोतीपुर इलाके में हाईवे निर्माण काम में लगी एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के कैंप पर विध्वंसक घटना को अंजाम देने में अशोक शामिल था।

धमकी देने के लिए आनंदी ने मृत व्यक्ति के नाम के सिम कार्ड इस्तेमाल किया। पुलिस ने इस मामले में सुमेश्वर यादव को हिरासत में ले लिया है। साथ ही कांड के मुख्य आरोपी आनंदी यादव की तलाश में जगह-जगह छापेमारी कर रही है।

खबर मिली है कि दंतेवाड़ा में शुक्रवार सुबह DRG जवानों और नक्सलियों (Naxalites) के बीच मुठभेड़ हुई है। इस मुठभेड़ में एक नक्सली मारा भी गया है।

छत्तीसगढ़ का नक्सल प्रभावित जिला नारायणपुर ओरछा लाल आतंक का गढ़ है। ऐसे इलाके में नर्स कविता पात्र लोगों के लिए ‘डॉक्टर दीदी’  (Doctor DiDi) बन गई हैं।

ये नक्सली (Naxalites) गांव में लोगों के बीच रहता था और नक्सलियों को मदद पहुंचाता था। पुलिस के मूवमेंट की जानकारी नक्सलियों को देना इसका मुख्य काम था।

झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान जारी है। ऐसे में गिरीडीह जिला प्रशासन ने 16 नक्सलियों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने के लिए राज्य सरकार से मंजूरी मांगी है।

जंगलों में छानबीन कर रहे सुरक्षाबलों को देखते ही नक्सलियों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद जवानों की जवाबी कार्रवाई से एनकाउंटर (Naxal Encounter) की शुरुवात हुई।

NIA बीते 4 मार्च को चाईबासा में हुए नक्सली कांड में शामिल रहने वाले नक्सलियों से पूछताछ करेगी। 4 मार्च को चाईबासा के लौंजी पहाड़ी में नक्सली घटना हुई थी।

कई बड़े नक्सलियों (Naxalites) की मौत हुई है और कई नक्सली, संगठनों को छोड़कर भाग गए हैं। खबर है कि पुलिस को नक्सलियों का एक पत्र मिला है।

कोरोना की वजह से कई नक्सलियों (Naxalites) की मौत हुई है और ऐसे में नक्सलियों को अपना कहने वाले लोगों ने भी उनका साथ छोड़ दिया है।

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