Naxalism

अधिकारियों ने बताया कि ऐसी आशंका है कि इनकी हत्या बुधवार की देर रात या गुरुवार को तड़के गोली मारकर की गयी है। उन्होंने कहा कि विस्तृत ब्यौरे की प्रतीक्षा है।

घायल महिला की पहचान ललिता देवी पति राजू खेरवार निवासी नरेशगढ़ गांव के तौर पर हुई है। इस घटना की सूचना पाते ही लातेहार सदर थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और फौरन घायल महिला को सदर अस्पताल में भर्ती कराया।

नक्सली गुड्डू यादव (Naxalite Guddu) ने ही महुलिया इलाके में एक बाप-बेटे की किडनैपिंग और आजिमगंज पंचाय के मुखिया परमानंद की हत्या की थी। इसके अलावा जमुई व लखीसराय जिलों में कई नक्सली कांडों में भी ये संलिप्त था।

1996 में बिहार पुलिस अधिकारी की हत्या कर फरार हुआ नक्सली किशुन (Naxali) अपनी मौत का षणयंत्र रचकर दिल्ली में आ छिपा। जिसे सच मानकर बिहार पुलिस ने उसकी फाइल और तलाश दोनो बंद कर दी थी।

नक्सलियों (Naxalites) के पास से तीन रायफल, देसी कट्टा, रायफल के 30 जिंदा कारतूस, 7.5 किलो लिक्विड जेलेटीन, 2 डेटोनेटर, नक्सली पर्चा, लेवी की रसीद और एक काले रंग की स्कॉर्पियो गाड़ी बरामद हुई है।

पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों की एक संयुक्त टीम बनाकर जंगलों की छानबीन के लिए भेजा गया था। इस दौरान सुरक्षाबलों ने दो लोगों को संदिग्ध स्थिति में पकड़ा।

टॉप नक्सल कमांडर मांडवी उर्फ हिडमा सुरक्षाबलों के छीने हथियार और रॉकेट लॉन्चर से हमले की फिराक में है। ऐसे में नक्सलियों (Naxalites) के इरादे को ध्वस्त करने के लिए सुरक्षाबलों ने भी अपनी पुख्ता तैयारी कर ली है।

नक्सली सूरजनाथ (Naxali Surajnath) ने लोहरदगा जिला कार्यालय पर पहुंच कर जिला उपायुक्त डॉक्टर वाघमारे प्रसाद कृष्णा की मौजूदगी में अपने हथियार सौंप दिये।

खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली थी कि नक्सली डागुर सुंडी (Naxali Dagur) टोंटो थाना क्षेत्र के अपने सुंडी साई गांव आने वाला है, जिसके आधार पर पुलिस ने जाल बिछाकर धर दबोचा।

सुरक्षाबल के जवान रविवार को बीजापुर के जंगलों में छानबीन के लिए निकले थे। इसी दौरान चेरला-पामेड़ सड़क मार्ग के पास से ही 6 लोगों को संदिग्ध परिस्थिति में गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार नक्सली की पहचान मुन्नीलाल महतो उर्फ धर्मेंद्र पिता रिचक महतो, महेंद्र गंजू उर्फ पल्टा पिता तिताई गंझू और राहुल गंजू उर्फ सोरेन पिता प्रसाद गंझू के रूप में हुई है। 

दोनों नक्सली 2019 में प्रतिबंधित नक्सल संगठन में शामिल हुए थे और वे चेरला में गुरिल्ला दस्ते के लिए काम कर रहे थे। सरेंडर करने वाले दोनों नक्सलियों (Naxalites) की उम्र 21 साल है और इनके पास घातक हथियार थे।

जंगल से बरामद सामान में  1 एचई बम, 66 बीजीएल सेल, 3 क्षतिग्रस्त मोर्टार, 25 मीटर कोर्डेक्स वायर, 17 इलेक्ट्रानिक डेटोनेटर, 5 मीटर फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रानिक वायर, 7 एचडी काट्रिज, 12 पैकेट स्टील बाल बेरिंग सहित अन्य विस्फोटक शामिल है। 

घायल महिला को जंगल से निकालकर फौरन भोपालपटनम के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद सुरक्षाबलों की एक टीम गठित कर हमले के लिए जिम्मेदार नक्सलियों (Naxalites) की तलाश शुरू कर दी गई है।

नक्सली मीठू 2008 में प्लाटून सदस्य क रूप में नक्सली संगठन में भर्ती हुआ था। सितंबर 2009 में वह माड़ डिवीजन के सदस्य रणदेर का गार्ड बना। सितंबर 2016 को सेक्शन बी का कमांडर बनाया गया फिर नवंबर 2018 में 16 नंबर प्लाटून के डिप्टी कमांडर की जिम्मेदारी सौंपी गई। 

नक्सली मुर्गी बोदरा की गिरफ्तारी जिला पुलिस बल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। क्योंकि ये नक्सली (Naxalite) कई नक्सली कांडों में शामिल रहा है और यह केन बम लगाने में माहिर माना जाता है।

जीड़ाबागु नाले के पास पुलिस टीम पर फायरिंग और ब्लास्ट में इन्ही चारों नक्सलियों का हाथ था। इस हमले में सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट तिर्की शहीद हो गये थे।

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