Naxali

फरार कैदी कृष्ण मोहन झा शंख जोन का पूर्व नक्सली जोनल कमांडर (Naxali Zonal Commander) रह चुका है। वह अभय जी उर्फ विकास जी के नाम से भी जाना जाता है।

पुलिस को पूछताछ में गिरफ्तार नक्सली (Naxali) से कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली है। जिससे जिले के नक्सली गतिविधियों के रोकथाम और शांतिपूर्ण पंचायत चुनाव सम्पन्न कराने में सहायता मिलेगी।

नक्सली (Naxalites) मौके से भागने में सफल रहे। हालांकि इस दौरान सुरक्षाबलों ने मौका-ए-वारदात से एक बन्दूक, छह कारतूस, चार डेटोनेटर, दो वॉकी-टॉकी रेडियो सेट, वर्दी और पोस्टर जब्त किए गए।

एसपी लिंडा के निर्देश पर छापेमारी टीम आनंदपुर थाना काहेतर के बोरोतिका भुईया टोला में छापेमारी की। जहां पर एक निर्माणाधिन मकान से 3 लोगों को अवैध हथियारों के साथ पकड़ा।

गिरफ्तार नक्सली ने ही विधानसभा चुनाव 2020 में नक्सल पर्चा, बैनर साटकर दहशत फैलाने की योजना थी। वोटरों को भी डराने-धमकाने-बहकाने की साजिश रची गई थी।

नक्सली राजेंद्र (Naxalite) खिलाफ नक्सली कांड, हत्या व आर्म्स एक्ट के तहत आधा दर्जन केस दर्ज हैं। वहीं, पिपरा गांव में 2004 में हुए हत्याकांड व 2008 में हुए तिहरे हत्याकांड में भी वह नामजद अभियुक्त है।

सरकार जहां एक ओर नक्सलियों का प्रभाव कम करने के लिए रणनीति बनाने पर जोर दे रही है, वहीं इस इलाके में कारोबार के विस्तार पर खास ध्यान दे रही है।

सक्रिय नक्सलियों (Naxalites) की घर वापसी के लिए लोन वर्राटू अभियान चलाया जा रहा है। अब तक 110 इनामी नक्सली सहित कुल 412 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।

नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षाबलों ने एक नक्सली दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष 35 वर्षीय सुखराम कवासी को गिरफ्तार किया है।

पुलिसिया पूछताछ में गिरफ्तार शख्स ने खुद की पहचान नक्सली कमांडर प्रद्युमन शर्मा उर्फ कुंदन उर्फ साकेत उर्फ लुल्ला बताया। प्रद्युमन साल 2003-04 से ही नक्सली संगठन के लिए काम कर रहा था।

ये नक्सली साल 2019 में इन्ड्रीपाल गांव में हुये एनकाउंटर में भी शामिल था,  जिसमें सुरक्षाबलों ने एक नक्सली (Naxali) को मार गिराया था, लेकिन फिर वहां से ये भाग निकलने में सफल रहा था।

गिरफ्तार माओवादियों (Maoists) के खिलाफ सड़क खोदकर मार्ग अवरुद्ध करने, हत्या के मामले में शामिल होने और नक्सली बैनर पोस्टर लगाने के आरोप हैं।

इस खूंखार नक्सली (Naxali) के सरेंडर करने के बाद, उसे 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता राशि दी गई और छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियों के अनुसार उसका पुनर्वास किया जाएगा।

डीआईजी ने सभी नक्सलियों के परिजनों से सरकार के सरेंडर नीति के तहत हथियार डालने वाले वाले नक्सलियों को मिलने वाली सहायता राशि दोगुनी कर दी है। 

एसएसपी के मुताबिक, इन लैंडमाइंस (Land Mines) और सड़क पर बिछाए गए तार को देखकर लग रहा है कि बीते 5 महीने पहले इसे बिछाया गया था। पुलिस पार्टी की कार्रवाई जारी है।

नक्सली के घर की तलाशी में 9 एमएम का एक कार्बाइन, दो मैगजीन व तीन पीस 9एमएम का जिंदा कारतूस बरामद किया गया है।

नक्सली सुखराम (Naxalite) फिर से दहशत फैलाने कर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में जंगल में पहुंचा था। लेकिन जवानों ने उसे समय रहते गिरफ्तार कर लिया।

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